हाइलाइट्स
फैटी लिवर डिजीज में कॉफी की कम मात्रा में सेवन करें तो बीमारी की गंभीरत को कम किया जा सकता है
फैटी लिवर डिजीज बीमारियों का स्पेक्ट्रम है जिसके कारण हेपटाइटिस और लिवर सिरोसिस जैसी खतरनाक बीमारी लग जाती है.
Coffe and fatty liver disease: नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (non-alcoholic fatty liver disease-NAFLD) बेहद खतरनाक बीमारी है जिसके कारण हेपटाइटिस और लिवर सिरोसिस का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है. आमतौर पर डायबिटीज और मोटे लोगों को नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD)होता है. पर अच्छी बात यह है कि एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि कॉफी की थोड़ी बहुत चुस्की टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित मोटे लोगों में नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज की गंभीरता को कम कर सकती है. यूनिवर्सिटी ऑफ कोलंबिया के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया है जिसे न्यूट्रिएंट्स जर्नल में प्रकाशित किया गया है.
नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज उन्हें होता है जो शराब तो नहीं पीते लेकिन उन्हें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, थायरॉइड आदि की शिकायत रहती है. इन लोगों को फैटी लिवर डिजीज होने का खतरा ज्यादा रहता है. फैटी लिवर डिजीज बीमारियों का स्पेक्ट्रम है जिसके कारण हेपटाइटिस और लिवर सिरोसिस जैसी खतरनाक बीमारी लग जाती है.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक फोर्टिस अस्पताल मुंबई में लिवर ट्रांसप्लांट एंड हेपाटो पैनक्रियाटिक सर्जरी विभाग के चीफ सर्जन डॉ गौरव गुप्ता ने बताया कि अध्ययन सही है लेकिन जिसे फैटी लिवर डिजीज है वह कॉफी की कम मात्रा में सेवन करें तो बीमारी की गंभीरत को कम किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इसे कंपलीमेंटरी डाइट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
कॉफी का कौन सा घटक डायबिटीज को कंट्रोल करता है
कॉफी फ्री रेडिकल के कारण डैमेज होने वाली कोशिकाओं को बचा सकती है. दरअसल, फ्री रेडिकल्स के कारण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस होता है. इससे सूजन बढ़ती है जो डायबिटीज के मरीजों के लिवर को डैमेज करता है. कॉफी फ्री रेडिकल्स को होने से बचाता है. यही प्रक्रिया हरी ताजी सब्जियां, ताजे फल और मल्टीविटामिन भी कर सकती है. इससे हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज से होने वाले लिवर को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता है. अध्ययन में दावा किया गया है कि कॉफी में मौजूद पॉलीफिनॉल लिवर में होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर देता है. इससे लिवर में फाइब्रोसिस का जोखिम कम हो जाता है और ग्लूकोज होमियोस्टेसिस में सुधार होता है. इसका सीधा सा मतलब है कि हेल्थ सही रहती है. जब लिवर में फैट जमा होने लगता है तब फ्री ऑक्सीजन रेडिकल डैमेज होने लगता है. जब फैट लिवर में जमा होने लगता है तो लिवर में सूजन बढ़ने लगती है. लेकिन कॉफी में मौजूद पॉलीफिनॉल या हरी सब्जियां या फ्रूट या मल्टीविटामिन इसे कम करने में सक्रिय भूमिका निभाता है.
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Tags: Coffee, Diabetes, Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : January 22, 2023, 19:45 IST