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अगर यह आंकड़ा बढ़ता है तो नौकरी जाने वालों और नई नौखरी खोजने वालों की संख्या बढ़ेगी। पाकिस्तान की सरकार IMF की शर्तों को पूरा करने के लिए जल्द ही एक मिनी बजट पेश करना चाहती है। ये मिनी बजट पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए क्यों मिनी बजट में अगर IMF की सिफारिशें मानी गई तो गैस, बिजली पेट्रोलियम समेत तमाम सामान की कीमतें बढ़ेंगी। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी इस कारण घटेगा। 13 जनवरी के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान के पास अब सिर्फ 4.6 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है।
पाकिस्तान में बढ़ेगा क्राइम
इसलिए सरकार जल्द से जल्द IMF की ओर से पैकेज की उम्मीद कर रही है। पाकिस्तान के सबसे खास मित्र राष्ट्र भी मदद से पीछे हट चुके हैं। ऐसे में तय है कि शहबाज सरकार मिनी बजट को टाल नहीं सकती। मिनी बजट का आना सीधे तौर पर बेरोजगारी में वृद्धि होगी। पाकिस्तान में 25 करोड़ लोग रहते हैं। इनमें से 62.5 लाख वयस्क ऐसे हैं, जो काम करने को तैयार हैं, लेकिन उनके पास कोई नौकरी नहीं होगी। ये आंकड़ा पाकिस्तान में संगठित अपराध बढ़ने का भी खतरा पैदा करेगा। बेरोजगार युवा पाकिस्तान की नाक में तो दम करेंगे ही, लेकिन भारत के लिए भी दिक्कतें पैदा करेंगे।
भारत के लिए भी हो सकती है मुश्किल
पाकिस्तान में आतंकी संगठन भारत के खिलाफ साजिश रचने के लिए ऐसे युवाओं को खोजते हैं जिन्हें थोड़े से पैसे के लालच में आतंकी बनाया जा सके। अगर इतनी बड़ी आबादी बेरोजगार होगी तो इनमें कई लोग ऐसे भी होंगे जो अपने परिवार को पालने के लिए आतंकी बनना स्वीकार करेंगे। 2023 में तो पाकिस्तान के आर्थिक हालत सुधरते नहीं दिख रहे हैं। यानी साल 2024 भी पाकिस्तान के लिए खराब ही होगा। पाकिस्तान में पिछले कुछ महीनों से रिफाइनरी, कपड़ा, लोहा, ऑटोमोबाइल और उर्वरक से जुड़े उत्पाद बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं।
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