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UPSC Success Story: जीवन में सफलता के लिए दो गुण आवश्यक हैं, समर्पण (dedication) और प्रयास (effort)। हर साल लाखों छात्र यूपीएससी परीक्षा देते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही इसे पास करने में सफल हो पाते हैं और अपनी सफलता की कहानी शेयर कर पाते हैं। आज हम बात कर रहे हैं, IAS अधिकारी दिव्या मिश्रा की। जिन्हें ‘उरी अटैक’ के बाद IAS बनने का ख्याल आया। आइए विस्तार से जानते हैं उनके बारे में।
दिव्या मिश्रा के माता-पिता दोनों शिक्षक थे, इसलिए उनका पालन-पोषण उत्तर प्रदेश के कानपुर में लगातार सीखने वाले माहौल में हुआ। दिव्या ने प्रारंभिक शिक्षा उन्नाव जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय में प्राप्त की। स्कूल खत्म होन के बाद बीटेक की डिग्री ली। फिर तीन साल तक एक कंपनी में काम किया। इसके अलावा उन्होंने आईआईएम से पीएचडी की है। वह शुरू से ही पढ़ाई लिखाई में काफी होशियार रही हैं।
कैसे चुना यूपीएससी का रास्ता
आईएएस अधिकारी दिव्या मिश्रा ने अपने भाई को सेना में शामिल होते देखकर सरकार के लिए काम करने का फैसला किया था।
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “मेरे भाई को भारतीय सेना के लिए चुना गया था। अब, उसके पास लेफ्टिनेंट का पद है। मेरे परिवार में कोई भी डिफेंस फोर्स में शामिल नहीं हुआ है। जब भाई का सिलेक्शन हुआ तो वह एक अलग की एक्सपीरियंस था। वहीं इस बीच, साल 2019 में उरी हमला हुआ। जिसने मुझे हिलाकर रख दिया। इस हमले के बाद, दिव्या ने IAS बनने का फैसला किया।
दिव्या ने यूपीएससी के लिए पढ़ाई शुरू की। अपने दृढ़ संकल्प के साथ, उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास तो कर ली, लेकिन कम रैंक के कारण IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा नहीं हो पाया। दिव्या IAS बनना चाहती थी, इसलिए उन्होंने दोबारा यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला किया। साल 2020 में उन्होंने 28वीं रैंक हासिल की और IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा किया।
दिव्या ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को सलाह देते हुए कहा, कि वे असफलता से निराश न हों, बल्कि अपनी गलतियों को स्वीकार करें और ईमानदारी से फिर से प्रयास करें।