Home Health दाल-चावल या दाल रोटी? रोजाना क्‍या खाना है सही, किससे मिलती है ज्‍यादा एनर्जी-पोषण, डायटीशियन से जानें

दाल-चावल या दाल रोटी? रोजाना क्‍या खाना है सही, किससे मिलती है ज्‍यादा एनर्जी-पोषण, डायटीशियन से जानें

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वैसे तो भारत में अलग-अलग राज्‍यों की फूड हैबिट्स अलग-अलग हैं लेकिन फिर भी दाल चावल और दाल रोटी सामान्‍य भोजन है जो आमतौर पर किसी भी घर में बनता है. इसके बावजूद आपने अक्‍सर देखा होगा कि कुछ लोगों को खाने में दाल-चावल इतने अच्‍छे लगते हैं कि वे रोजाना सिर्फ दाल-चावल ही खाना पसंद करते हैं, जबकि कुछ ऐसे भी लोग देखे होंगे जिन्‍हें बिना रोटी खाए पेट भरा हुआ नहीं लगता होगा. यानि उन्‍हें रोजाना दाल-रोटी ही खानी होती हैं. कई बार रोटियां बनाने के आलस या जल्‍दी खाना पकाने के चक्‍कर में भी लोग रोटियां नहीं बनाते और चावल बना लेते हैं और वही बच्‍चों को भी खिला देते हैं. कभी आपने सोचा है कि दाल-चावल और दाल रोटी में से रोजाना क्‍या खाना सही है? इन दोनों में से कौन सा फूड ज्‍यादा एनर्जी, प्रोटीन और पोषण तत्‍व देता है. आइए जानते हैं.

दिल्‍ली स्थित डायटीशियन निहारिका जैन बताती हैं कि भारत में अलग-अलग राज्‍यों का पहनावा ही नहीं बल्कि खानपान भी अलग-अलग है. यहां बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडीसा, आंध्र प्रदेश, केरल आदि राज्‍यों में जहां रोजाना के खाने में चावल ज्‍यादा खाया जाता है वहीं उत्‍तर भारत के राज्‍यों जैसे उत्‍तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्‍ली, पंजाब आदि में रोटियां ही प्रमुख भोजन हैं. यहां दाल या सब्‍जी के साथ रोटियां जरूर खाई जाती हैं.

वे कहती हैं कि हमें भोजन से ही एनर्जी और पोषण मिलता है. ऐसे में खान-पान का विशेष ध्‍यान रखना जरूरी है. न्‍यूट्रीशन के लिए जो सबसे जरूरी है वह है दाल, हरी पत्‍तेदार सब्जियां, सलाद और अनाज. इस अनाज में गेंहू, जौ, चना, बाजरा, ज्‍वार, चावल आदि कुछ भी अनाज हो सकता है. हालांकि आमतौर पर गेंहू और चावल ही इस्‍तेमाल हो रहा है.

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डायटीशियन कहती हैं कि भोजन में रोजाना दाल खाना बेहद जरूरी है और फूड हैबिट के अनुसार पसंद का कोई भी अनाज खाया जा सकता है, फिर चाहे वह चावल हो, मिलेट हो या गेंहू हो. जिन लोगों को प्रोटीन की ज्‍यादा मात्रा चाहिए उन्‍हें रोजाना दाल रोटी खानी चाहिए. गेंहू में 11 से 12 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है. वहीं दालों में भी प्रोटीन होती है. ऐसे में यह प्रोटीन का बेहतर सोर्स बनाते हैं. गेंहू की रोटी में फाइबर और कैलोरी भी बहुत ज्‍यादा होती है.

वहीं चावल खाने में काफी हल्‍का होता है, यह आधे घंटे से 1 घंटे के अंदर पच जाता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट के अलावा पानी की मात्रा काफी ज्‍यादा होती है, यही वजह है कि यह पेट के लिए अच्‍छा होता है. इसके साथ ही दालों के साथ मिलकर यह शरीर के लिए जरूरी अमीनो एसिड्स की चेन को पूरा करता है और शरीर को न्‍यूट्रिएंट्स प्रदान करता है. चावल और मूंग की दाल से बनी खिचड़ी इसीलिए संपूर्ण आहार भी कहलाती है.

इसलिए अगर लोग दाल, चावल और रोटी तीनों चीजें रोजाना भोजन में खाते हैं तो सर्वोत्‍तम है लेकिन अगर नहीं खा पाते हैं तो इन्‍हें अलग-अलग दिन बदल बदल कर खाएं. दाल के साथ चावल और रोटी दोनों ही खाना फायदेमंद हैं. हालांकि कुछ बीमारियां हैं जिनमें ग्‍लूटेन से परेशानी होती है, ऐसे में उन लोगों को गेंहू न खाने की सलाह दी जाती है. वे जौ, चना के आटे की रोटियां खा सकते हैं.

Tags: Pulses Price, Rice



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