Saturday, December 21, 2024
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मुंबई का हवाईअड्डा बना ‘वसूली अड्डा’, बैक टू बैक आ रहे G-Pay एक्सटॉर्शन केस


Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE
मुंबई एयरपोर्ट पर एक्सटॉर्शन का चल रहा सिंडिकेट

मुंबई एयरपोर्ट पर एक्सटॉर्शन का ऐसा सिंडिकेट सामने आया है जिसे जानकर हर कोई हैरान है। खबर है कि मुंबई इंटरनेशन एयरपोर्ट पर कस्टम के कुछ अधिकारी G-Pay के जरिए एक्सटॉर्शन का सिंडिकेट चला रहे हैं। हैरानी की बात तो ये है कि ऐसे 5 मामलों की जांच कर रही सीबीआई ने बैक टू बैक 3 और इसी तरह के मामले दर्ज किए हैं। G-Pay एक्सटॉर्शन कांड में हाल ही में एयरपोर्ट पर 38 अधिकारियों के तबादले भी किए गए लेकिन महज हफ्ते भर में तीन और G-Pay एक्सटॉर्शन मामलों ने साफ कर दिया है कि मुंबई एयरपोर्ट इस वक्त कस्टम ऑफिसरों के एक्सटॉर्शन का अड्डा बना हुआ है।

G-Pay के जरिए एक्सटॉर्शन के जो तीन मामले सामने आए हैं अब उनके बारे में जान लीजिए-

पहला मामला-

सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक पीड़ित पैसेंजर दुबई से वापस लौटा और करप्ट एयर कस्टम सुप्रीटेंडेट आलोक कुमार ने उसे डिटेन किया। पीड़ित के मुताबिक उसके पास गोल्ड ज्वेलरी थी। ये गोल्ड ज्वेलरी उसने दुबई जाते वक्त डिक्लेयर की थी और अपनी बहन को गिफ्ट देने के लिए ले गया था, लेकिन जब बहन ने उसके इस गिफ्ट को लेने से मना किया तो वापस वो गोल्ड ज्वेलरी लेकर मुंबई लौटा था। कस्टम ऑफिसर आलोक कुमार ने उसकी दलील मानने से मना करते हुए उसके पासपोर्ट को जप्त कर लिया और उसे 1 लाख 20 हजार रुपए कस्टम ड्यूटी भरने के नाम पर एक्सटोर्शन किया। 

इसके बाद एक एयरपोर्ट लोडर के जरिए उसके घरवालों से मंगाए गए 90 हजार रुपए कैश लोडर के जरिए एयरपोर्ट के बाहर वसूले और 30 हजार रुपए एक दूसरे लोडर के G-Pay अकाउंट में डलवाकर वसूले गए। बाद में पीड़ित ने जब कस्टम ड्यूटी की रसीद मांगी तब उसे डराकर समझाया गया कि वसूली गई रकम पीड़ित के प्रोटेक्शन मनी के तौर पर वसूले गए हैं। सीबीआई ने इस मामले में कस्टम ऑफिसर आलोक कुमार, कैश वसूलने वाले लोडर राजेश पितले और G-Pay से पैसे वसूलने वाले लोडर रोहित गायकवाड़ को आरोपी बनाया है।

दूसरा मामला-
सीबीआई ने जो दूसरा मामला दर्ज किया है वो पीड़ित पैसेजर बैंकॉक से लौटा था। यात्री अपने साथ नए जूते, घड़ियां और गोल्ड ऑर्नेमेंट लाया था। एक बार फिर करप्ट कस्टम सुप्रीटेंडेंट आलोक कुमार का नाम सामने आया जब उन्होंने उस पैसेंजर को डिटेन किया और 60 हजार की कस्टम ड्यूटी मांगी और लंबे नेगोशिएंशन के बाद 10,500 रुपए की डील फाइनल करते हुए पहले मामले के आरोपी एयरपोर्ट लोडर रोहित गायकवाड़ के एकाउंट में ट्रांसफर करवाया। कस्टम ड्यूटी की कोई रिसिप्ट न देते हुए इसे भी प्रोटेक्शन मनी बताकर G-Pay एक्सटॉर्शन को अंजाम दिया।

तीसरा मामला-
इस मामले में पीड़ित पैसेंजर अबू धाबी से 4 मार्च को लौटी थी। एयरपोर्ट पर कस्टम सुप्रीटेंडेट सुरेंद्र कुमार मीना ने उसे डिटेन किया और गोल्ड लाने के लिए 25,000 की कस्टम ड्यूटी भरने के लिए कहा। एक लंबे नेगोशीएशन के बाद आखिरकार 12,000 रुपए G-Pay एक्सटोर्शन मनी के तौर पर वसुलते हुए कस्टम सुप्रीटेंडेट सुरेंद्र कुमार ने उसे एयरपोर्ट लोडर सिद्धेश मेश्त्री के G-Pay अकाउंट में वसूले। ये तीनों मामलों की शिकायत हाल के 30 दिनों में सीबीआई को मिली थी जिसपर जांच करने के बाद सीबीआई ने एक के बाद एक ये तीन मामले दर्ज किए हैं।

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