Home World Lahore Zaman Park: इमरान खान का किला बना पाकिस्‍तान के लाहौर शहर का जमान पार्क, कभी हिंदू परिवार का था बोलबाला

Lahore Zaman Park: इमरान खान का किला बना पाकिस्‍तान के लाहौर शहर का जमान पार्क, कभी हिंदू परिवार का था बोलबाला

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Lahore Zaman Park: इमरान खान का किला बना पाकिस्‍तान के लाहौर शहर का जमान पार्क, कभी हिंदू परिवार का था बोलबाला

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लाहौर: पाकिस्‍तान के लाहौर का जमान पार्क इस समय युद्ध का वह मैदान बना हुआ है जहां पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक और पुलिस आमने-सामने हैं। पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के चीफ इमरान को गिरफ्तार करने के लिए जैसे ही पुलिस यहां पर पहुंची, स्थिति अनियंत्रित हो गई। बुधवार की सुबह 4 बजकर 20 मिनट पर इमरान ने अपने समर्थकों को संबोधित किया और कहा कि उन्‍हें गिरफ्तार करने की कोशिशें जारी हैं। जमान पार्क, लाहौर का वह रिहायशी इलाका है जो पिछले कुछ समय से काफी मशहूर हो गया है। देश को सन् 1992 में विश्‍व कप जीताने वाले इमरान खान यहीं पर रहते हैं। जानिए जमान पार्क का वह इतिहास जिसका एक हिस्‍सा भारत से भी जुड़ा है।

सबसे शांत और पॉश इलाका
जमान पार्क लाहौर का वह इलाका है जो काफी पॉश, शांत और खूबसूरत करार दिया जाता है। इमरान खान की वजह से हालांकि यहां पर पिछले कुछ समय से शोर-शराबा बढ़ गया था। जमान पार्क में पिछले आठ दशकों से ऐसे पठान रहते हैं जिनका कनेक्‍शन भारत के पंजाब में आने वाले जालंधर से रहा है। इसके अलावा यहां पर क्रिकेट और हॉकी के कई मशहूर खिलाड़ी भी रहते हैं। इस इलाके में इमरान के चाचा और चचेरे भाई भी रहते हैं जो पाकिस्‍तान की सेना के साथ हैं। इसके अलावा उनके कई रिश्‍तेदार जो डॉक्‍टर, क्रिकेटर या फिर ब्‍यूरोक्रेट हैं, यहीं पर रहते हैं। इस जगह पर कम से कम 45 फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेटर्स रहते हैं।

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पंजाब लाइट हॉर्स का सेंटर

जमान पार्क का नाम खान मोहम्‍मद जमान खान के नाम पर रखा गया था जोकि सन् 1943 से 1944 तक पंजाब के पोस्‍ट मास्‍टर जनरल थे। उन्‍होंने इस इलाके में सन् 1940 में सात बेडरूम वाला एक मैंशन अपने लिए बनवाया था। कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि सन् 1935 तक लाहौर का जो नक्‍शा था उसमें जमान पार्क नहीं था।

यह जगह अंतरराष्‍ट्रीय ख्‍याति प्राप्‍त एचिसन कॉलेज के पीछे और इसके दक्षिण में मायो गार्डन था जिसे पंजाब लाइट हॉर्स के परेड ग्राउंड के तौर पर दिखाया था।पंजाब लाइट हॉर्स बंटवारे से पहले ब्रिटिश इंडियन आर्मी की घुड़सवार सेना थी। सन् 1857 में जब आजादी के लिए बड़े पैमाने पर संघर्ष की शुरुआत हुई तो लाहौर का पहला नक्‍शा आया था। उस समय भी किसी जमीन का जिक्र नहीं था। पंजाब लाइट हॉर्स को लाहौर में सन् 1867 में तैयार किया गया था। Pakistan : क्या Imran Khan के समर्थकों पर एसिड फेंक रही है पाक आर्मी ? वीडियो देखिए
मशहूर सूरी फैमिली का घर
ब्रिटिश शासन के दौरान इस पर लाहौर, अमृतसर और पंजाब में संकट की स्थिति में सुरक्षा की जिम्‍मेदारी थी। सन् 1936 में इस जगह का नाम बदलकर नाम सुंदर दास पार्क कर दिया गया। सन् 1934 तक कॉलोनी के मध्‍य में एक क्रिकेट ग्राउंड था। सन् 1942 तक यहां पर छह घोड़ों को लाया गया और ये घोड़े एक मशहूर हिंदू परिवार के थे जिसे ‘सूरी फैमिली’ के तौर पर जाना जाता था। यह परिवार राय बहादुर सुंदर दास सूरी का था।

15 अमीर हिंदुओं के घर
राय बहादुर सूरी पंजाब के स्‍कूलों के चीफ इंस्‍पेक्‍टर थे और पंजाबी छात्रों में शिक्षा को आगे बढ़ाने में उनका काफी योगदान था। राय बहादुर सूरी ने ही एचिसन कॉलेज के विस्‍तार में बड़ा रोल अदा किया था। सन् 1947 में बंटवारे के समय जमान पार्क में 15 बड़े घर थे जो अमीर हिंदू परिवारों के थे। बंटवारे के समय जब हिंसा हुई तो जनरल वाजिद अली बुर्की ने जालंधर के पठानों को इसी पार्क में शिफ्ट कर दिया। ये परिवार वजिरिस्‍तान के रहने वाले थे और जालंधर चले गए थे। मुगल काल में ये परिवार वापस लाहौर आए और फिर जमान पार्क में रहने लगे थे। जमान यानी जालंधर के पठान परिवार का सबसे सीनियर सदस्‍य।

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