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लोकसभा सदस्यता छिन जाने के बाद पहली बार राहुल गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय (Rahul gandhi press conference) में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि स्पीकर ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया। दो बार खत लिखा, तीसरी बार मिला भी लेकिन वो कहते हैं कि कुछ नहीं कर सकता। मोदी सरनेम पर माफी को लेकर पूछे सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि मैं किसी से नहीं डरता हूं। सावरकर नहीं गांधी हूं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने के बाद पहली बार एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि उन्होंने संसद में अडानी के संबंध में केवल एक प्रश्न पूछा था। ” मैंने केवल एक सवाल पूछा। अडानी जी का मुख्य काम व्यवसाय है, लेकिन पैसा उनका नहीं है। मैं केवल यह जानना चाहता था कि यह 20,000 करोड़ रुपये किसका है। मैंने मीडिया रिपोर्टों से जानकारी ली। पीएम नरेंद्र मोदी और अडानी के बीच संबंध नया नहीं है। यह तब से शुरू हुआ जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। मैंने हवाई जहाज पर बैठे नरेंद्र मोदी की फोटो दिखाई। लेकिन, मेरा भाषण हटा दिया गया। मैंने स्पीकर को एक विस्तृत पत्र लिखा।”
राहुल गांधी ने कहा, “उसके बाद, भाजपा के सदस्य मेरे बारे में झूठ बोलने लगे कि मैंने विदेशी मदद मांगी। यह सबसे हास्यास्पद बयान है। इसके बजाय, मैंने पूछा कि यह भारत की समस्या है। मैंने स्पीकर को लिखा कि मुझे संसद में बोलने का मौका दिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने दो बार खत लिखे। मिला भी लेकिन, उन्होंने कहा कि वो कुछ नहीं कर सकते। हां उन्होंने मुझे अपने साथ एक कप चाय पीने के लिए जरूर कहा।”
माफी नहीं मांगूगा
राहुल गांधी से मोदी सरनेम को लेकर सवाल पूछा गया कि उन्होंने उस बयान को लेकर माफी क्यों नहीं मांगी। इस पर राहुल ने कहा कि मैं किसी से नहीं डरता। सावरकर नहीं गांधी हूं। मुझे इससे कोई नहीं फर्क नहीं पड़ता कि मैं सदन के अंदर हूं या बाहर। मैं अपनी आवाज लगातार उठाता रहूंगा।
मेरी स्पीच से डर गए हैं
राहुल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी मेरी स्पीच से डर गए। मैं अपनी अगली स्पीच में गौतम अडानी पर बयान देने वाला था लेकिन, मुझे बोलने नहीं दिया गया। ऐसा इसलिए किया गया क्योकि पीएम मोदी मुझसे डर गए। राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें अयोग्य घोषित किया गया है क्योंकि पीएम मोदी अडानी पर अपने अगले भाषण से डरे हुए हैं। राहुल गांधी ने कहा, “मैंने इसे उनकी आंखों में देखा है।” कहा, “मैं यहां लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए हूं। मैं उनसे डरता नहीं हूं। यह मेरे इतिहास में नहीं है। मैं पूछता रहूंगा कि अडानी और नरेंद्र मोदी के बीच क्या संबंध है।”
मोदी की घबराहट से विपक्ष को मदद मिलेगी
राहुल गांधी को समर्थन देने वाले सभी विपक्षी दलों को धन्यवाद देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी की घबराहट बताती है कि विपक्ष एकजुट है। इससे विपक्ष को सबसे ज्यादा फायदा होगा। राहुल गांधी ने कहा, ‘हम मिलकर काम करेंगे।