Home Education & Jobs IAS के 1472 और IPS अफसरों के 864 पद खाली, सरकार ने बताया- UPSC में क्यों नहीं बढ़ाती आईएएस की वैकेंसी

IAS के 1472 और IPS अफसरों के 864 पद खाली, सरकार ने बताया- UPSC में क्यों नहीं बढ़ाती आईएएस की वैकेंसी

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IAS के 1472 और IPS अफसरों के 864 पद खाली, सरकार ने बताया- UPSC में क्यों नहीं बढ़ाती आईएएस की वैकेंसी

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UPSC IAS IPS Vacancy : केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा को बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएस) के अधिकारियों के 1,472 पद, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों के 864 पद तथा भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अधिकारियों के 1,057 पद खाली पड़े हैं। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारियों के 6,789, आईपीएस अधिकारियों के 4,984 और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के 3,191 पद स्वीकृत हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में आईएएस अधिकारियों की संख्या 5,317, आईपीएस अधिकारियों की संख्या 4,120 और वन सेवा के 2,134 अधिकारी हैं। 

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आईएएस अधिकारियों को बेहतर से बेहतर संख्या में लेने के लिए सरकार ने बासवान समिति की सिफारिशों के आधार पर सीएसई-2012 के बाद से सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से आईएएस अधिकारियों के एनुअल इनटेक को बढ़ाकर 180 कर दिया है। कमिटी ने यह भी सिफारिश की थी कि 180 से अधिक आईएएस अधिकारी लेना गुणवत्ता से समझौता होगा। 180 से अधिक आईएएस लेना लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी ( LBSNAA ) की क्षमता से ज्यादा होगा। ऐसा करने से 

आईएएस अधिकारियों का करियर पिरामिड बिगड़ेगा, खासतौर पर भारत सरकार में वरिष्ठ पदों में।’

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आपको बता दें कि यूपीएससी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) , भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) समेत की तरह की सिविल सेवओं के लिए अधिकारियों का चयन करने के लिए प्रतिवर्ष तीन चरणों में प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार सिविल सेवा परीक्षा आयोजित कराती है। इस भर्ती परीक्षा में हर साल करीब 9 से 10 लाख युवा बैठते हैं।

सिंह ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि वर्ष 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में चयनित हुए 91 अभ्यर्थियों को कोई भी सरकारी सेवा आवंटित नहीं की जा सकी है। उन्होंने कहा कि यह सीमित प्राथमिकता, चिकित्सा जांच के नतीजे, आरक्षित श्रेणी के विफल दावे और उम्मीदवारों द्वारा अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के कारण हुआ।

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