Home National लोकसभा में प्रतिस्पर्धा अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक पारित, जानें उपभोक्ताओं को क्या हो सकते हैं फायदे

लोकसभा में प्रतिस्पर्धा अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक पारित, जानें उपभोक्ताओं को क्या हो सकते हैं फायदे

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लोकसभा में प्रतिस्पर्धा अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक पारित, जानें उपभोक्ताओं को क्या हो सकते हैं फायदे

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नई दिल्ली. लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच बुधवार को प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक 2022 हंगामे के बीच पारित कर दिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे सदन में पेश किया और हंगामे के बीच ही कुछ संशोधनों के साथ इसे पारित कर दिया गया. इस विधेयक का उद्देश्य प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव वाली चीजों को समाप्त करना और उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा करना है. इसे चर्चा के बिना ही पारित कर दिया, क्योंकि अडानी मुद्दे पर जेपीसी की विपक्ष की मांग और राहुल गांधी की अयोग्यता को लेकर दोनों सदनों में हंगामा होता रहा. इसके साथ ही वन (संरक्षण) अधिनियम 2023 को भी संसद में पेश किया गया, जिसके बाद उसे पारित कर दिया गया.

गौरतलब है कि सरकार ने प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक में कई संशोधन पेश किए हैं. इस बिल के जरिए प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 में संशोधन करना और स्पष्टता प्रदान करने के लिए उद्यम प्रासंगिक उत्पाद बाजार, समूह, नियंत्रण जैसी कुछ परिभाषाओं को बदलना मुख्य कारण है. यह बिल लेन-देन के मूल्य के आधार पर विलय और अधिग्रहण को विनियमित करता है, प्रतिस्पर्धा-रोधी समझौतों के दायरे को व्यापक बनाता है. इसके साथ ऐसे समझौतों के तहत एक प्रतिस्पर्धी-विरोधी क्षैतिज समझौते की सुविधा देने वाली पार्टी को शामिल करता है.

उपभोक्ताओं को होगा फायदा
प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 का उद्देश्य प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव वाली चीजों को समाप्त करना और उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा करना है. भारतीय बाजारों में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है और व्यवसायों के संचालन के तरीके में एक आदर्श बदलाव आया है और आर्थिक विकास, विभिन्न व्यवसाय मॉडल के उद्भव और आयोग के कामकाज से प्राप्त अनुभव को देखते हुए, केंद्र ने प्रतिस्पर्धा कानून समीक्षा समिति का गठन किया. समिति द्वारा प्रस्तावित सिफारिशों की समीक्षा, सार्वजनिक परामर्श और नियामक निश्चितता और विश्वास-आधारित कारोबारी माहौल प्रदान करने की दृष्टि से सरकार ने अधिनियम में संशोधन करना अनिवार्य समझा.

इस बिल के बाद लंबित नहीं रहेंगे मुकदमे
बिल मुकदमों को कम करने के लिए निपटान और प्रतिबद्धता ढांचे की शुरूआत का प्रस्ताव करता है और इसमें आयोग को संयोजनों को अधिसूचित करने के लिए एक अन्य मानदंड के रूप में लेनदेन के मूल्य के प्रावधान हैं.

Tags: New Delhi news, Nirmala sitharaman, Parliament news

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