Friday, November 8, 2024
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Mahavir Jayanti 2023: 4 अप्रैल को है महावीर जयंती, देखें जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों की लिस्ट, जानें चिन्ह और जन्म स्थान


हाइलाइट्स

4 अप्रैल को मनाई जाएगी महावीर जयंती.
जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर हैं भगवान महावीर.

Mahavir Jayanti 2023: कल यानी 4 अप्रैल को महावीर जयंती है. हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थांकर महावीर जी की जयंती मनाई जाती है. महावीर जयंती जैन धर्म के लोगों के लिए त्योहार है. इस दिन जैन समाज के लोग सुबह से ही भगवान महावीर की पूजा-अर्चना करने लगते हैं. जैन धर्म में 24 तीर्थंकर हैं. इन सबमें महावीर स्वामी का जैन धर्म में महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि उन्हीं के काल में जैन धर्म का प्रचार-प्रसार हुआ. इनका जन्म कुण्डलग्राम, वैशाली में हुआ था. भगवान महावीर जैन का जन्म लगभग ई. पू. 599 में हुआ. इनके पिता का नाम सिद्धार्थ तथा माता का त्रिशला था.

जैन धर्म भारत के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है. जैन धर्म की परंपरा का निर्वाह तीर्थंकरों के माध्यम से होता हुआ आज इस स्वरूप में पहुंचा है. जैन धर्म में 24 तीर्थंकर हुए. जिनमें से पहले थे ऋषि देव तथा अंतिम महावीर स्वामी रहे हैं. जैन धर्म अहिंसा के सिद्धांत को बहुत ही शक्ति से मानता है. जैन धर्म के दो प्रमुख संप्रदाय हैं- दिगंबर और श्वेतांबर. आइए आज हम आपको जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों के नाम और उनके चिन्ह और उनका जन्मस्थान बताते हैं.

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1.श्री ऋषभनाथ, चिन्ह: बैल, जन्म स्थान अयोध्या
2.श्री अजितनाथ- हाथी, जन्म स्थान: अयोध्या
3.श्री संभवनाथ, चिन्ह: अश्व (घोड़ा), जन्म स्थान: श्रावस्ती
4.श्री अभिनंदननाथ, चिन्ह: बंदर, जन्म स्थान: अयोध्या
5. श्री सुमतिनाथ, चिन्ह: चकवा, जन्म स्थल: अयोध्या
6.श्री पद्मप्रभ, चिन्ह: कमल, कौशांबीपूरी
7.श्री सुपार्श्वनाथ, चिन्ह: साथिया (स्वस्तिक), जन्म स्थान: काशी
8.श्री चन्द्रप्रभु, चिन्ह: चन्द्रमा
9.श्री पुष्पदंत चिन्ह: मगर
10.श्री शीतलनाथ, चिन्ह: कल्पवृक्ष, जन्म स्थान: भदलपुर, झारखंड
11.श्री श्रेयांसनाथ, चिन्ह: गैंडा, जन्म स्थान: सिंहपुरी, काशी
12.श्री वासुपूज्य, चिन्ह: भैंसा, जन्म स्थान: चंपापुरी
13.श्री विमलनाथ, चिन्ह: शूकर, जन्म स्थान:
14.श्री अनंतनाथ, चिन्ह: सेही,
15.श्री धर्मनाथ, चिन्ह: वज्रदण्ड, जन्म स्थान: अयोध्या
16.श्री शांतिनाथ, चिन्ह: मृग (हिरण),
17.श्री कुंथुनाथ,चिन्ह: बकरा,
18.श्री अरहनाथ, चिन्ह: मछली,
19.श्री मल्लिनाथ, चिन्ह: कलश,
20.श्री मुनिस्रुव्रतनाथ, चिन्ह: कच्छप (कछुआ),
21.श्री नमिनाथ, चिन्ह: नीलकमल,
22.श्री नेमिनाथ, चिन्ह: शंख,
23.श्री पार्श्वनाथ, चिन्ह सर्प, जन्म स्थान: भेलूपुर, काशी
24.श्री महावीर, चिन्ह: सिंह, जन्म स्थान: कुंडलपुर (बिहार)

कल यानी 4 अप्रैल को महावीर जयंती के दिन जैन धर्म के लिए सुबह से ही भगवान की पूजा अर्चना में जुट जाएंगे. भगवान महावीर का जैन धर्म के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान है. जैन धर्म अहिंसा का प्रतीक है. इस धर्म में हिंसा पूरी तरह वर्जित है.

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Tags: Dharma Aastha, Mahavir Jayanti, Religion



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