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पुरी ने गुरुवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सदस्यों की टोकाटाकी के बीच कहा कि पश्चिम बंगाल समेत छह राज्यों ने पेट्रोल-डीजल पर वैट में कोई कमी नहीं की, जबकि कई भाजपा शासित प्रदेशों और कुछ अन्य राज्यों ने इसे कम किया है। पिछले आठ साल में पेट्रोल एवं डीजल के दाम में बढ़ोतरी बहुत कम हुई है। यह 1974 के बाद सबसे कम बढ़ोतरी है। उनका कहना था कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें उत्पादन लागत, परिवहन लागत, बीमा शुल्क और मुद्रा विनिमय दर के आधार पर तय होती हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद डीलर के हिस्से का मुनाफा होता है तथा फिर केंद्रीय उत्पाद शुल्क है और राज्यों का वैट भी लगता है।
इन राज्यों ने नहीं घटाया वैट
उन्होंने कहा, ‘कई राज्यों ने वैट में कमी की है। इनमें कई भाजपा शासित राज्य हैं और कुछ अन्य पार्टियों के शासन वाले राज्य भी हैं। कुछ राज्य प्रति लीटर पेट्रोल पर 17 रुपये का वैट लेते हैं तो कुछ राज्य 32 रुपये लेते हैं। पश्चिम बंगाल, झारखंड, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश ने वैट में कटौती नहीं की। विपक्षी सदस्यों से कहना चाहूंगा कि वे अपनी राज्य सरकारों से कहें कि वैट कम कर दें तो आपके यहां पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम हो जाएंगी।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अक्टूबर 2020 में दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 81.06 रुपये और डीजल की कीमत 70.53 रुपये लीटर थी। अक्टूबर 2022 में पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये और डीजल की कीमत 89.62 रुपये थी। इस तरह पेट्रोल की कीमत में दो साल में 19.3 फीसदी और डीजल की कीमत में 27.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इस दौरान अमेरिका में पेट्रोल की कीमत में 98.2 फीसदी और डीजल की कीमत में 144.6 फीसदी बढ़ोतरी हुई। कनाडा में पेट्रोल की कीमत में इस दौरान 80.6 फीसदी और डीजल की कीमत में 138.4 फीसदी तेजी आई।
एलपीजी सिलेंडर
एलपीजी सिलेंडर (LPG Cylinder) की कीमत में बढ़ोतरी के बारे में पुरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी कीमत में 303 फीसदी बढ़ोतरी हुई है जबकि भारत में इसमें केवल 28 फीसदी का इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि 2014 में देश में 14 करोड़ कनेक्शन थे और अब उनकी संख्या 32.5 करोड़ पहुंच गई है। उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की संख्या 9.60 करोड़ पहुंच गई है। पुरी ने कहा कि मई से उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए 200 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है।
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