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24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद एक बार फिर प्रयागराज गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। ये तड़तड़ाहट किसी और पर नहीं बल्कि यूपी के माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के ऊपर हुई थी। अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई हत्या से प्रयागराज ही नहीं पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई। माफिया ब्रदर्स की हत्या के बाद प्रयागराज को हाईअलर्ट पर रखा गया है। कसारी-मसारी इलाके में हथियारों की बरामदगी कराने के बाद पुलिस दोनों भाइयों को रूटीन चेकअप के लिए शहर के कॉल्विन अस्पताल लेकर पहुंची थी।
यहीं पर तीन हमलावर पत्रकारों की भीड़ में छिपे थे। तीनों पत्रकार बनकर आए थे। बताते हैं कि अस्पताल में दाखिल होने से पहले कुछ पत्रकारों ने अतीक और अशरफ से सवाल किए। अतीक अहमद गुड्डू मुस्लिम ही बोल पाया था कि इससे पहले ही दोनों भाइयों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी गई। महज 22 सेकेंड में दोनों भाइयों को मौत के घाट उतार दिया गया। सवाल ये है कि अतीक अहमद गुड्डू मुस्लिम को लेकर क्या बताना चाह रहा था। अतीक की मौत के साथ ही कई राज भी माफिया के साथ दफन होकर रह गए हैं।
13 से 17 अप्रैल की शाम पांच बजे तक पुलिस रिमांड पर थे दोनों भाई
उमेश पाल हत्याकांड में न्यायालय ने 13 से 17 अप्रैल तक अतीक और अशरफ को कस्टडी रिमांड पर पुलिस को दिया था। पुलिस को कस्टडी में सौंपने के दौरान कोर्ट ने यह शर्त लगाई थी कि दोनों भाइयों की नियमित रूप से मेडिकल जांच कराई जाएगी। पिछले दो दिनों से अतीक और अशरफ से धूमनगंज में पूछताछ की जा रही थी। शनिवार रात इनकी निशानदेही पर पुलिस ने कसारी मसारी इलाके में विदेशी हथियार बरामद किए। जिसके बाद रात करीब दस बजे पुलिस दोनों भाइयों को मेडिकल के लिए कॉल्विन अस्पताल लेकर पहुंची थी।
अस्पताल गेट पर जीप से उतरते ही मीडिया ने दोनों भाइयों को घेर लिया। इसी दौरान बाएं ओर से आए एक हमलावर ने अतीक की कनपटी में गोली मार दी, जब तक कोई कुछ समझ पाता दूसरे हमलावर ने अशरफ को गोली मार दी। दोनों भाइयों के गिरते ही तीन तरफ से घेरकर हमलावरों ने गोली बरसा दी और पुलिस कुछ नहीं कर सकी। इसके बाद पिट्ठू बैग टांगे एक हमलावर ने कैमरे के सामने ही पुलिस को सरेंडर कर दिया। घटनास्थल पर मीडिया का एक कैमरा, पिस्टल और एक बाइक पड़ी मिली है।