ऐप पर पढ़ें
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलकात की। दोनों नेता दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए देशव्यापी दौरे के तहत मंगलवार शाम को मुंबई पहुंचे थे। बैठक में केजरीवाल ने दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण से जुड़े केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी की लड़ाई के पक्ष में उद्धव ठाकरे से समर्थन मांगा। बैठक के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा- दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़ा केंद्र का अध्यादेश इस बात का परिचायक है कि मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट पर भी विश्वास नहीं करती है। वहीं उद्धव ठाकरे ने कहा- हम उन लोगों को हराने के लिए एक साथ आए हैं, जो लोकतंत्र के खिलाफ हैं।
केजरीवाल ने कहा- इन्हें अहंकार हो गया है, अहंकारी व्यक्ति देश नहीं चला सकता है। मैं उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और शिवसेना (Shiv Sena) का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने दिल्ली के लोगों की लड़ाई में समर्थन देने का फैसला किया है। यह लड़ाई केवल दिल्ली की नहीं है। यह पूरे देश की लड़ाई है। संसद में अध्यादेश के समर्थन में लाए जाने वाले विधेयक की परीक्षा साल 2024 के चुनावों का सेमीफाइन मुकाबला होगा। यदि यह विधेयक राज्यसभा में गिर जाता है तो साल 2024 में मोदी की सरकार वापस नहीं आएगी।
केजरीवाल ने कहा- भाजपा वाले सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ दुष्प्रचार करते हैं। इस अध्यादेश से इनका संदेश साफ है कि सुप्रीम कोर्ट जो मर्जी आदेश पारित करे लेकिन ये विधेयक लाकर पलट देंगे। इसके साथ ही केजरीवाल ने भाजपा पर सरकारें गिराने का भी आरोप लगाया। केजरीवाल ने कहा- यदि किसी राज्य में भाजपा की सरकार नहीं बनती, तो इनके पास तीन तरीके हैं- पहला तरीका ये एमएलए खरीदकर सरकार गिरा देंगे। दूसरा तरीका सीबीआई-ईडी से डराकर सरकार गिरा देंगे। तीसरा तरीका अध्यादेश लाकर राज्य सरकार की ताकत छीन लेंगे।