[ad_1]
नई दिल्ली. भारत ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के उप प्रमुख अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के निर्णय का स्वागत करते हुए मंगलवार को कहा कि वह आतंकवाद को ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ के रुख पर पूरी तरह से कायम है. इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने बयान में कहा, ‘हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आईएसआईएल और अल कायदा प्रतिबंध समिति की सूची में लश्कर ए तैयबा के आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को शामिल करने के निर्णय का स्वागत करते हैं जो लश्कर ए तैयबा नेता हाफिज सईद का रिश्तेदार भी है.’
उन्होंने कहा कि मक्की लश्कर ए तैयबा में इस संगठन के लिये धन जुटाने सहित नेतृत्व की कई भूमिकाओं में शामिल रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत आतंकवाद के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति को आगे बढ़ाने के रुख पर कायम है और आतंकवाद के खिलाफ विश्वसनीय, पुष्टि करने योग्य और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बनाना जारी रखेगा.’ बागची ने कहा कि क्षेत्र में आतंकवादी संगठनों से खतरा काफी अधिक है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से प्रतिबंध एवं सूचीबद्ध किया जाना, क्षेत्र में ऐसे खतरों एवं आतंकी आधारभूत ढांचे को ध्वस्त करने के लिये प्रभावशाली माध्यम है.
चीन ने नहीं लगाया अड़ंगा
गौरतलब है कि पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद के मोर्चे पर भारत को एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है. संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के उप प्रमुख अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है. चीन द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर ए तैयबा के उप प्रमुख मक्की को काली सूची में डालने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव में अड़ंगा लगाने से पीछे हटने के बाद सुरक्षा परिषद की अलकायदा प्रतिबंध समिति को सर्वसम्मति से मक्की को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया है.
मक्की के खिलाफ भारत और अमेरिका ने लाया था प्रस्ताव
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएस (दाएश) और अलकायदा प्रतिबंध समिति ने सोमवार को 68 वर्षीय मक्की को घोषित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया. इस सूची में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त करने, उन पर यात्रा और हथियार संबंधी प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है. इसके लिए भारत और उसके सहयोगी देश वर्षों से प्रयास कर रहे थे. पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन द्वारा 16 जून, 2022 को जेयूडी/एलईटी के राजनीतिक मामलों के प्रमुख और लश्कर प्रमुख हाफिज मुहम्मद सईद के रिश्तेदार मक्की को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल करने के भारत और अमेरिका के एक संयुक्त प्रस्ताव पर रोक लगाए जाने के सात महीने बाद ऐसा हुआ है.
मक्की अमेरिका द्वारा नामित आतंकवादी है
किसी व्यक्ति या संगठन को 1267 प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने का फैसला सर्वसम्मति से लिया जाता है. 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने अलकायदा प्रतिबंध समिति बनाई है जिसमें बतौर स्थायी सदस्य वीटो का अधिकार रखने वाला चीन एकमात्र देश था जिसने मक्की को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया को बाधित किया था. पिछले साल जून में भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव पर चीन द्वारा रोक लगाए जाने के बाद 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को सूचीबद्ध करने पर सर्वसम्मति नहीं बन पाई थी. मक्की अमेरिका द्वारा नामित आतंकवादी है और जेयूडी की मरकजी (सेंट्रल) टीम और दावती (धर्मांतरण) टीम का सदस्य है.
मक्की लश्कर और जेयूडी में शीर्ष पदों पर रहा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) 1267 प्रतिबंध समिति ने कहा, ‘मक्की को 15 मई, 2019 को पाकिस्तान सरकार ने गिरफ्तार किया था और वह लाहौर में घर में नजरबंद था. 2020 में एक पाकिस्तानी अदालत ने मक्की को आतंकवाद के वित्तपोषण का दोषी ठहराया और उसे जेल की सजा सुनाई.’ प्रतिबंध समिति ने कहा कि मक्की लश्कर और जेयूडी में शीर्ष पदों पर रहा है, वह लाल किले पर हुए लश्कर के हमले सहित प्रमुख हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है या इसमें शामिल रहा है.
लश्कर के छह आतंकवादियों ने 22 दिसंबर, 2000 को लाल किले पर धावा बोल दिया था और किले की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी. 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों को ‘भारत में लश्कर द्वारा सबसे दुस्साहसी हमला’ बताते हुए समिति ने कहा कि पाकिस्तान से लश्कर के 10 आतंकवादियों ने पूर्व निर्धारित लक्ष्यों के साथ मुंबई में अरब सागर के रास्ते प्रवेश किया, जिनमें से आमिर अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया और बाकी मारे गए.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Arindam Bagchi, Lashkar-e-taiba, Pakistan, United nations, UNSC
FIRST PUBLISHED : January 17, 2023, 17:02 IST
[ad_2]
Source link