
[ad_1]
अब्दुल्ला यामीन भारत के खिलाफ ‘इंडिया आउट’ अभियान चला रहे हैं। भ्रष्टाचार मामलों में दोषी पाए जाने के बाद यामीन ने मालदीव की राजधानी माले स्थित भारतीय उच्चायोग में भारत के राजनयिकों पर देश की न्यायपालिका में दखल देने का आरोप लगाया है। उनके राजनीतिक दल प्रोग्रेसिव पार्टी के सदस्य भारतीय उच्चायोग पर हमले करने की मांग करते रहे हैं। सजा सुनाए जाने के बाद उनके समर्थक देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने यह भ्रष्टाचार साल 2013 से 2018 के बीच किया था जब वे देश के राष्ट्रपति थे।
भारत विरोधी और चीन के ‘भक्त’
यामीन चीन को खुश करने के लिए भारत का विरोध करते हैं। चीन मालदीव में नौसैनिक अड्डा बनाना चाहता है ताकि हिंद महासागर में अपने पैर पसार सके। यामीन भारत और मालदीव संबंधों के विरोधी हैं और चीन के करीबियां बढ़ाना चाहते हैं। वह आरोप लगाते हैं कि भारत मालदीव में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाना चाहता है। हालांकि दोनों ही देशों ने इन आरोपों को खारिज किया है। यामीन के ‘इंडिया आउट’ कैंपेन के तहत भारतीय टीचर्स को टारगेट किया जा रहा है।
पहले भी जा चुके हैं जेल
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति पहले भी इस तरह के आरोपों में जेल जा चुके हैं। 2019 में उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस में दोषी ठहराया गया था और 5 साल के लिए जेल भेज दिया गया था। हालांकि दो साल बाद मालदीव के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वह रिहा हो गए थे। अब्दुल्ला यामीन मालदीव के पूर्व तानाशाह मौमून अब्दुल गयूम के भाई हैं। प्रोग्रेसिव पार्टी ने अगले साल होने वाले चुनाव के लिए उन्हें अपना राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है।
[ad_2]
Source link