[ad_1]
Last Updated:
Ayurvedic Medicine For AES: खासकर बच्चों को प्रभावित करने वाली एईएस बीमारी से बचाव के लिए आयुर्वेदिक दवा बढ़िया काम कर सकती है. मुजफ्फरपुर के एक्सपर्ट ने इस बारे में विस्तार में जानकारी दी.
X
आयुर्वेदाचार्य डॉ. विकास कुमार
हाइलाइट्स
- स्वर्णप्राशन से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
- AES से बचाव में आयुर्वेदिक दवा कारगर साबित हो रही है.
- स्वास्थ्य विभाग आयुर्वेदिक पद्धति अपनाने पर विचार कर रहा है.
मुजफ्फरपुर. उत्तर बिहार के कई जिलों में बच्चों को प्रभावित करने वाली एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) से बचाव को लेकर इस बार आयुर्वेदिक इलाज पद्धति में नई उम्मीद नजर आ रही है. विशेषज्ञों के अनुसार, आयुर्वेद की स्वर्णप्राशन दवा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर बच्चों को AES जैसी गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रखने में जरूरी भूमिका निभा सकती है.
बीमारी से बचाव के साथ ही शारीरिक विकास भी
स्वर्णप्राशन एक पुरानी आयुर्वेदिक दवा है, जिसमें शुद्ध सोने की भस्म, गाय का घी, शहद और कुछ खास जड़ी-बूटियों का मेल होता है. इसे नियमित रूप से देने से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है. खासकर 6 महीने से 16 वर्ष तक के बच्चों में यह दवा मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती है.
स्वर्णप्राशन एक पुरानी आयुर्वेदिक दवा है, जिसमें शुद्ध सोने की भस्म, गाय का घी, शहद और कुछ खास जड़ी-बूटियों का मेल होता है. इसे नियमित रूप से देने से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है. खासकर 6 महीने से 16 वर्ष तक के बच्चों में यह दवा मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती है.
साफ-सफाई का रखें खास ध्यान
आयुर्वेदाचार्य डॉ. विकास कुमार बताते हैं कि, “AES जैसी संक्रामक बीमारी से लड़ने के लिए बच्चों का इम्यून सिस्टम मजबूत होना बहुत जरूरी है. स्वर्णप्राशन दवा बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाती है, जिससे वे वायरस और बैक्टीरिया के संक्रमणों से बेहतर तरीके से लड़ सकते हैं.” इसके साथ ही बच्चों की सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. गंदगी के कारण बीमारियां बहुत होती हैं.
आयुर्वेदाचार्य डॉ. विकास कुमार बताते हैं कि, “AES जैसी संक्रामक बीमारी से लड़ने के लिए बच्चों का इम्यून सिस्टम मजबूत होना बहुत जरूरी है. स्वर्णप्राशन दवा बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाती है, जिससे वे वायरस और बैक्टीरिया के संक्रमणों से बेहतर तरीके से लड़ सकते हैं.” इसके साथ ही बच्चों की सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. गंदगी के कारण बीमारियां बहुत होती हैं.
स्वास्थ्य विभाग भी अब AES से बचाव के लिए सिर्फ एलोपैथिक उपायों के साथ-साथ सभी तरह की इलाज पद्धति अपनाने की दिशा में काम कर रहा है, जिसमें आयुर्वेदिक पद्धति को भी शामिल करने की संभावनाएं हैं. अब AES में आयुर्वेद भी अपना रोल निभाने के लिए तैयार है ताकि बीमारी से मजबूती से लड़ा जा सके.
[ad_2]
Source link