Home National Ahmedabad Plane Crash: काश! काश! ब्रिटिश विमान जैसा चमत्कार अहमदाबाद में भी हुआ होता तो बच जाती 242 जानें!

Ahmedabad Plane Crash: काश! काश! ब्रिटिश विमान जैसा चमत्कार अहमदाबाद में भी हुआ होता तो बच जाती 242 जानें!

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Ahmedabad Plane Crash: काश! काश! ब्रिटिश विमान जैसा चमत्कार अहमदाबाद में भी हुआ होता तो बच जाती 242 जानें!

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Ahmedabad Air India Plane Crash News : जकार्ता से जाता हुआ बोइंग 747 इंडोनेशिया में ज्वालामुखी (माउंट गलुंगगुंग) की राख के बादल में घुस गया. राख ने इंजनों को चोक कर दिया और चारों इंजन एक-एक करकर बंद हो गए! विमान 37,000 फीट से नियंत्रण खोकर गिरने लगा. जैसे ही विमान राख के बादल से बाहर निकला, चालक दल ने क्रम से तीन इंजन दोबारा स्टार्ट कर लिए! उन्होंने जकार्ता में आपातकालीन लैंडिंग की. सभी 263 लोग सुरक्षित रहे. यह क्रू की शांत छमता और तकनीकी भाग्य का कमाल था. सोचिए, आप 37,000 फीट ऊपर उड़ रहे हैं, और अचानक विमान के सारे इंजन बंद हो जाएं. नीचे सिर्फ समंदर और पहाड़. डरावना, ना? यही हुआ 1982 में ब्रिटिश एयरवेज फ्लाइट 9 के साथ, जब ज्वालामुखी की राख ने इसके चारों इंजन चोक कर दिए. फिर भी, 263 लोग जिंदा बचे! लेकिन 12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 का हादसा हमें हवाई हादसों की भयानक हकीकत फिर से दिखाता है.

24 जून 1982 को ब्रिटिश एयरवेज फ्लाइट 9, एक बोइंग 747, कुआलालंपुर से पर्थ जा रही थी. रात का अंधेरा था, और मौसम साफ दिख रहा था. लेकिन इंडोनेशिया के माउंट गलुंगगुंग ज्वालामुखी के फटने से निकली राख का बादल विमान के रास्ते में आ गया. ये राख इतनी सूखी थी कि मौसम रडार पर दिखी ही नहीं. विमान जैसे ही इस बादल में घुसा, अजीब चीजें होने लगीं. विंडस्क्रीन पर बिजली जैसी चमक दिखी, जिसे क्रू ने सेंट एल्मो फायर समझा. केबिन में धुंआ और गंध भरने लगी. कुछ यात्रियों ने इंजनों के पास नीली चमक देखी. फिर, एक-एक करके चारों इंजन बंद हो गए.

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क्या अहमदाबाद हादसा टाला जा सकता था?
कप्तान एरिक मूडी ने शांत रहते हुए मेडे कॉल की और विमान को जकार्ता की ओर मोड़ा. उन्होंने यात्रियों से कहा, “दोस्तों, आपका कप्तान बोल रहा है. हमारी थोड़ी सीमा है. सारे इंजन बंद हैं. हम उन्हें फिर से शुरू करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. उम्मीद है, आप ज्यादा परेशान नहीं हैं.” विमान बिना इंजन के नीचे गिर रहा था. क्रू ने बार-बार इंजन शुरू करने की कोशिश की. राख की वजह से इंजन गल गए थे, लेकिन जैसे ही विमान 13,000 फीट पर बादल से बाहर निकला, ठंडी हवा में राख टूटने लगी. एक-एक करके तीन इंजन फिर चल पड़े. चौथा इंजन दोबारा बंद हो गया, लेकिन तीन इंजनों के साथ क्रू ने जकार्ता के हलिम एयरपोर्ट पर सेफ लैंडिंग की. विमान की विंडस्क्रीन खराश से धुंधली थी, और लैंडिंग सिस्टम काम नहीं कर रहा था. फिर भी, कप्तान मूडी की हिम्मत ने सबको बचा लिया.
क्या अहमदाबाद में भी पायलट चमत्कार कर सकता था?
अब अहमदाबाद की बात. 12 जून 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट AI1717, अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, टेकऑफ के पांच मिनट बाद मेघनी नगर में क्रैश हो गई. बोइंग 787-8 में 225 यात्री और 17 क्रू मेंबर्स थे, जिनमें पूर्व गुजरात CM विजय रूपाणी भी शामिल थे. विमान सिर्फ 625 फीट ऊंचा गया और फिर तेजी से नीचे गिरा. फ्लाइटराडर24 के मुताबिक, सिग्नल टूट गया. विमान ने एयरपोर्ट की दीवार से टक्कर मारी और आग लग गई. X पर वायरल वीडियो में काला धुआं और मलबा दिखा. एक गवाह ने कहा, “जोर का धमाका हुआ. बाहर देखा तो सब बिखरा था.” 12 फायर ब्रिगेड्स और एम्बुलेंस बचाव में जुटे. सिविल हॉस्पिटल में इमरजेंसी लगाई गई.

अहमदाबाद एयरपोर्ट के करीब हुए एयर इंडिया प्‍लेन क्रैश में करीब 170 लोगों के मौत की बात कही जा रही है.

दोनों मामले में क्या अलग-अलग हैं?
जांच में पता चला कि ब्रिटिश एयरवेज के हादसे की वजह ज्वालामुखी राख थी, जो इंजनों में घुसकर गल गई. अहमदाबाद हादसे की वजह अभी साफ नहीं, लेकिन भरा हुआ ईंधन आग को और बड़ा बना सकता था. DGCA और AAIB जांच कर रहे हैं. ब्रिटिश एयरवेज की तरह, जहां क्रू की ट्रेनिंग और किस्मत ने चमत्कार किया, अहमदाबाद में भी बचाव तेजी से शुरू हुआ. X पर एक यूजर ने लिखा, “विमान का अगला हिस्सा जल गया, सिर्फ पूंछ बची. भगवान सबको बचाए.”

ब्रिटिश एयरवेज फ्लाइट 9 ने ज्वालामुखी राख के खतरों को दुनिया के सामने लाया. इसके बाद रडार सिस्टम बेहतर हुए, और हवाई रास्ते बदल गए. कप्तान मूडी को क्वीन कमेंडेशन और गिनीज रिकॉर्ड मिला. अहमदाबाद का हादसा हमें हवाई सुरक्षा पर फिर सोचने को मजबूर करता है. क्या हम ऐसे हादसों से सीखकर भविष्य में चमत्कारों पर कम निर्भर हो सकते हैं?

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