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कैलिफोर्निया की टेक कंपनी ऐपल की ओर से भारत में ढेरों आईफोन मॉडल्स का प्रोडक्शन किया जा रहा है लेकिन यूरोपियन यूनियन की ओर से लागू किए गए यूनिवर्सल चार्जर वाले नियम कंपनी के लिए परेशानीका सबब बने हुए हैं। ऐपल ने कहा है कि अगर भारत सरकार भी इन नियमों को लागू करते हुए यूनिवर्सल चार्जर की मांग करती है तो इसका असर भारत में आईफोन प्रोडक्शन पर पड़ेगा।
यूरोपियन यूनियन (EU) की ओर बनाए गए नियमों के हिसाब से ऐपल के नए-पुराने सभी आईफोन मॉडल्स को बाकी स्मार्टफोन्स की तरह ही एक यूनिवर्सल चार्जर की मदद से चार्ज होना चाहिए। इन नियमों के दबाव में ही ऐपल को iPhone 15 लाइनअप में USB टाइप-C पोर्ट देना पड़ा है। अब इसी स्पेशल चार्जर की मांग भारत में टेक कंपनी की परेशानी बढ़ा सकती है।
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भारत भी लागू कर सकता है नियम
सामने आया है कि भारत भी यूरोपियन यूनियन के नियम लागू करने पर विचार कर रहा है और ऐसा होता है तो कंपनी को USB-C चार्जिंग पोर्ट से कंपैटिबल आईफोन्स का प्रोडक्शन करना होगा। संकेत मिले हैं कि देश में इन नियमों को लागू करवाने के लिए मैन्युफैक्चरर्स को जनवरी, 2025 तक का सयम मिल सकता है, जो EU की डेडलाइन से 6 महीने ज्यादा है।
ऐपल डिवाइसेज के लिए अलग चार्जर
आईफोन यूजर्स को ऐपल की ओर से लंबे वक्त से चार्जिंग और कनेक्टिविटी के लिए खास USB टाइप-C पोर्ट मिलता रहा है। हालांकि, इस चार्जर को अन्य डिवाइसेज से कनेक्ट नहीं किया जा सकता और ना ही स चार्जर से बाकी गैजेट्स चार्ज हो सकते हैं। भारत में रेग्युलेटरी बॉडी और EU दोनों ही सिंगल चार्जर सॉल्यूशन की मांग करते रहे हैं। उम्मीद है कि ऐसा करने पर ई-वेस्ट कम होगा और यूजर्स को मदद मिलेगी।
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इसलिए प्रभावित होगा ऐपल प्रोडक्शन
भारत में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग यूनिवर्सल चार्जर से जुड़े बदलाव के चलते प्रभावित हो सकती है क्योंकि अभी कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग चेन लाइटनिंग पोर्ट वाले आईफोन बना रही है। किसी तरह के बदलाव की स्थिति में नए पार्ट्स मंगवाने से लेकर मौजूदा चेन और सेटअप में सुधार की जरूरत होगी। ऐसे में भारत में स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग और आईफोन्स का प्रोडक्शन प्रभावित हो सकता है।