यूजर्स को मिलेगी ज्यादा सिक्योरिटी
हालांकि अब गूगल और ऐपल के दबदबे और मनमानी को खत्म करने के लिए पीएम मोदी ने ऐसा दांव चला कि दोनों कंपनियां के होश उड़ गए। दरअसल मोदी सरकार मोबाइल फोन ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए गूगल और ऐपल पर ही नहीं निर्भर रहना चाहती है। इसके लिए मोदी सरकार ने स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को विकसित करने का ऐलान किया है। इससे यूजर्स को ज्यादा सिक्यो एक्सपीरिएंस मिलेगा। साथ ही गूगल और ऐपल की मनमानी को चुनौती दी जा सकेगी।
गूगल और ऐपल को मिलेगी चुनौती
बता दें कि भारत दुनिया में स्मार्टफोन का एक बड़ा मार्केट है। भारत अपने यूजर्स को सिक्योर मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम देना चाहता है। इसमें यूजर्स को कई तरह के ऑप्शन्स मिलेंगे। बता दें कि मौजूदा वक्त में 97 फीसद मार्केट में एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम का कब्जा है। जबकि बाकी 3 फीसद में iOS बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम डिवाइस मौजूद हैं। भारत के इस नए ऑपरेटिंग सिस्टम को IndOS नाम दिया जा सकता है। IndOS के मार्केट में आने के बाद ऐपल और गूगल के सामने चुनौतियां बढ़ेगी। अगर अभी की बात करें, तो एंड्राइड स्मार्टफोन मेकर्स पर यूजर्स को ज्यादा दिनों तक सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं देने का आरोप लगता रहा है।
क्या गूगल पर है दबाव बनाने की कोशिश
गूगल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक मामला चल रहा है, जिसमें गूगल पर भारत में गलत तरीक से कारोबार करने का आरोप लगाया गया है। साथ ही उस पर करीब 2200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। ऐसे में गूगल की तरफ से एक ब्लॉग लिखकर कहा गया कि अगर ऐसा होता है, आने वाले दिनों में भारत में मोबाइल फोन खरीदना महंगा हो सकता है। साथ ही सॉफ्टवेयर अपडेट मिलने में देरी हो सकती है। लेकिन अब पीएम मोदी ने स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने का ऐलान करके गूगल को जवाब दे दिया है कि मार्केट में वही एक अकेला खिलाड़ी नहीं है।