Home National Assembly Election Results 2023 How Congress Reverses In Hindi Heartland Will Affect It In INDIA Bloc – India Hindi News – ‘फसलें सूख गईं तो बारिश का क्या फायदा’, तीन राज्यों में हार के बाद हाशिये पर कांग्रेस, INDIA गुट करेगा किनारा?, देश न्यूज

Assembly Election Results 2023 How Congress Reverses In Hindi Heartland Will Affect It In INDIA Bloc – India Hindi News – ‘फसलें सूख गईं तो बारिश का क्या फायदा’, तीन राज्यों में हार के बाद हाशिये पर कांग्रेस, INDIA गुट करेगा किनारा?, देश न्यूज

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Assembly Election Results 2023 How Congress Reverses In Hindi Heartland Will Affect It In INDIA Bloc – India Hindi News – ‘फसलें सूख गईं तो बारिश का क्या फायदा’, तीन राज्यों में हार के बाद हाशिये पर कांग्रेस, INDIA गुट करेगा किनारा?, देश न्यूज

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Assembly Election Results 2023: तीन राज्यों में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन ने इंडिया गठबंधन में पार्टी की छवि को हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया है। पार्टी को विश्वास था कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में वह सत्ता में कायम रहेगी, वहीं कांग्रेस मध्य प्रदेश में जीत दर्ज करने की उम्मीद कर रही थी। मगर अब तीनों राज्यों में कांग्रेस का दांव उलटा पड़ गया। एकमात्र उम्मीद की किरण तेलंगाना है, जहां वह के. चंद्रशेखर राव की एक दशक पुरानी सरकार को उखाड़ फेंकने की राह पर है। तीन राज्यों में करारी हार इंडिया गुट में पार्टी की छवि को धूमिल करने का काम करेगी। बड़े भाई के तौर पर गठबंधन में अपना कद देख कांग्रेस को इंडिया गुट की अन्य पार्टियां अपने से अलग बता रही हैं।  

हार को लेकर इंडिया गुट में कलह

एनडीटीवी की रिपोर्ट की मानें तो जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा, “कांग्रेस की हार इंडिया गठबंधन की हार नहीं है।” उन्होंने कहा, ”यह स्पष्ट कर दिया गया है कि कांग्रेस भाजपा से मुकाबला नहीं कर सकती… कांग्रेस को इस सिंड्रोम से बाहर आना होगा।” उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि कांग्रेस ने पहले ही घटक दलों से खुद को ‘दूर’ कर लिया है। उन्होंने कहा, “जब फसलें सूख गईं तो बारिश का क्या फायदा?”

अनुभवी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने भी इस बात पर सहमति जताते हुए कि इस फैसले का इंडिया गठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, “हम दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बैठक करेंगे। हम उन लोगों से बात करेंगे जो जमीनी हकीकत जानते हैं। हम टिप्पणी करने में तभी सक्षम होंगे। बैठक के बाद ही इस पर चर्चा होगी।” हालांकि, उन्होंने तेलंगाना में कांग्रेस की बढ़त को राहुल गांधी की कन्याकुमारी से कश्मीर भारत जोड़ो यात्रा का असर बताया और कहा कि ऐसा नतीजा शुरू से ही स्पष्ट था। 

क्या फेल हुई कमंडल 2.0 की नीति

मौजूदा हालात को देखें तो इंडिया गठबंधन को अभी भी अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है, क्योंकि हिंदी पट्टी में कांग्रेस की हार यह भी संकेत दे सकती है कि उसकी जाति जनगणना का मुद्दा हिंदी पट्टी के मतदाताओं को पसंद नहीं आया। जाति जनगणना कराने का दबाव भाजपा के खिलाफ विपक्षी हमलों का एक बड़ा हिस्सा रहा है, जिसने पार्टी पर दलित और आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया है। अब नतीजे बताते हैं कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों में कांग्रेस अनुसूचित जाति और जनजाति बहुल क्षेत्रों में भाजपा से पीछे चल रही है। 

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