Wednesday, September 18, 2024
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Ayodhya Ram Mandir: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन बिहार में भी विराजेंगे मर्यादा पुरुषोत्तम राम, तैयारियां शुरू


Jamui:

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का लाखों लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस वक्त देश और दुनिया की नजरें अयोध्या धाम पर टिकी हैं, जहां 5 हजार साल बाद श्रीराम दोबारा मंदिर में विराजमान होंगे. वहीं 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. बता दें कि जिस समय अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा स्थापित की जा रही है, उसी समय मलयपुर स्थित मां कालिका मंदिर में भी मां जानकी के साथ राम-लक्ष्मण और बजरंगबली के साथ राधा-कृष्ण की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. जयपुर के कारीगरों द्वारा मार्बल निर्मित प्रतिमा का निर्माण कराया गया है. इसको लेकर मां कालिका मंदिर के संचालक अशोक कुमार सिंह ने बताया कि, ”जयपुर से 11 लाख 50 हजार की भव्य प्रतिमा मंगवाई गई है. इसके साथ ही गिद्धेश्वर पर्वत की चोटी पर स्थित मंदिर में भगवान गिद्ध की प्रतिमा भी स्थापित की जायेगी. सभी प्रतिमाएं 2 से 2.5 फीट की हैं.”

जमुई में भी होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

आपको बता दें कि आगे उन्होंने बताया कि, ”अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति स्थापित होने के साथ ही यहां भी मूर्ति स्थापित की जाएगी और उनकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, जिसके लिए मंदिर का निर्माण भी पूरा हो चुका है. साथ ही वातानुकूलित शयनकक्ष का निर्माण किया गया है. प्रतिमा स्थापित करने से पहले 18 जनवरी को प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए जल शोभा यात्रा निकाली जायेगी. साथ ही उसी दिन से सात दिवसीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ भी शुरू होगा. यज्ञ में बिहार और झारखंड से पंडित भाग लेंगे.”

आपको बता दें कि,  मां कालिका मंदिर में राम लक्ष्मण सहित मां जानकी और बजरंगबली सहित राधा-कृष्ण की प्रतिमा स्थापित की जाएंगी, जिससे यह मंदिर न केवल जिले के लोगों के लिए बल्कि अगल-बगल के दर्जनों लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा. वहीं इस मंदिर में वैष्णो माता की भव्य एवं आकर्षक प्रतिमा स्थापित है. 

वहीं आपको बता दें कि इस मंदिर में माता के नौ रूप हैं:- पहली शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्मांडा, पांचवी स्कंध माता, छठी कात्यायिनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी और नौवीं सिद्धिदात्री के साथ सबसे ऊंचे मंदिर के शीर्ष पर कालेश्वर महादेव के शिवलिंग के साथ-साथ भगवान गणेश की मूर्ति भी स्थापित की गई है.

इसके साथ ही आपको बता दें कि मंदिर के सचिव प्रसून सिंह ने बताया कि, मंदिर में प्रतिदिन पूजा, साफ-सफाई और शाम की आरती के साथ-साथ महाप्रसाद का भी वितरण किया जाता है. बता दें कि मंदिर में पहले से ही भगवान शंकर, भगवान गणेश और अन्य देवी-देवताओं के साथ देवी कालिका की भव्य प्रतिमा स्थापित है, जो लोगों को खूब आकर्षित करती है. यहां प्रतिदिन संध्या आरती की जाती है, जिसमें आसपास के दर्जनों लोग आरती में भाग लेते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं.



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