Home National Bangladesh-India Relation: कांटों भरा ताज खोपड़ी में छेद करने लगा तो इल्जाम मोदी पर, न चाहते हुए भी शेख हसीना का लोहा मान गए मोहम्मद यूनुस

Bangladesh-India Relation: कांटों भरा ताज खोपड़ी में छेद करने लगा तो इल्जाम मोदी पर, न चाहते हुए भी शेख हसीना का लोहा मान गए मोहम्मद यूनुस

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Bangladesh-India Relation: कांटों भरा ताज खोपड़ी में छेद करने लगा तो इल्जाम मोदी पर, न चाहते हुए भी शेख हसीना का लोहा मान गए मोहम्मद यूनुस

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Bangladesh-India Relation: बांग्लादेश सरकार के अंतरिम चीफ मोहम्मद यूनुस ने अपनी विपलता का इल्जाम पीएम मोदी पर लगाया है. उनका कहना है कि मोदी चाहते तो बांग्लादेश की स्थिति को ठीक कर सकते थे.

चुभने लगा ताज तो इल्जाम मोदी पर, न चाहते भी शेख हसीना का लोहा को मान गए यूनुस!

मोहम्मद यूनुस अपनी असफलता का दोष किसी और पर मढ़ रहे हैं.

हाइलाइट्स

  • मोहम्मद यूनुस ने अपनी असफलता का दोष पीएम मोदी पर मढ़ा.
  • यूनुस ने कहा, शेख हसीना की बातें बांग्लादेश की जनता सुनती है.
  • बांग्लादेश में सियासी माहौल तनावपूर्ण और हिंसक है.

Bangladesh News: बांग्लादेश को संभालना मोहम्मद यूनुस के बस की बात नहीं. बांग्लादेश का कांटो भरा ताज अब मोहम्मद यूनुस को चुभने लगा है. चुभने से अधिक तो यह खोपड़ी में छेद करने लगा है. अब इसका इल्जाम भी मोहम्मद यूनुस भारत के पीएम मोदी पर लगाने लगे हैं. जी हां, मोहम्मद यूनुस अपनी असफलता का दोष किसी और पर मढ़ रहे हैं. पीएम मोदी और शेख हसीना को लेक यूनुस ने जो कहा है, उससे साफ है कि अब वह हताश हो चुके हैं. बांग्लादेश को शेख हसीना ही बेहतर तरीके से संभाल सकती हैं और बांग्लादेशी अब भी उन्हीं की बात सुनते हैं. खुद मोहम्मद यूनुस भी यह बात अब मानने लगे हैं.

दरअसल, बांग्लादेश में हालात अभी आउट ऑफ कंट्रोल दिख रहे हैं. सेना और सरकार ही नहीं, विपक्ष और सरकार में भी तकरार जैसी स्थिति है. मोहम्मद यूनुस पर चुनाव कराने का प्रेशर बढ़ता जा रहा है. बांग्लादेश का सियासी माहौल तनावपूर्ण है. लगातार तल्खी बढ़ती जा रही है. ऐसे में मोहम्मद यूनुस का कहना है कि अगर पीएम मोदी चाहते तो बांग्लादेश में गुस्सा फैलने से रोक सकते थे.

मोदी पर क्या दोष मढ़ा

नोबेल शांति पुरस्कार वाले मोहम्मद यूनुस ने कहा, ‘मैंने मोदी से कहा कि वे शेख हसीना को बोलने और बांग्लादेश में गुस्सा भड़काने से रोकने में मदद करें. मोदी ने कहा कि यह सोशल मीडिया है और हम इसे नियंत्रित नहीं कर सकते. अब मैं क्या कह सकता हूं? यह एक विस्फोटक स्थिति है और आप यह कहकर नहीं निकल सकते कि यह सोशल मीडिया है.’



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