खालिदा जिया ने यह विशाल प्रदर्शन ऐसे समय पर किया है जब बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से तेल की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। यही नहीं रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल होने वाले सामानों की कीमतें भी काफी बढ़ गई हैं। यही वजह है कि बीएनपी के विरोध प्रदर्शन में देशभर से प्रदर्शनकारी पहुंचे। इससे साल 2009 के बाद पहली बार शेख हसीना बैकफुट पर आ गई हैं। यही वजह है कि विशेषज्ञ यह मांग कर रहे हैं कि क्षेत्रीय शक्तियां खासकर भारत पर्दे के पीछे से हस्तक्षेप करे।
बांग्लादेश में बदल रहे हालात, भारत सतर्क रहे
इससे पहले बांग्लादेश के एक मंत्री ने भारत से हस्तक्षेप की गुहार भी लगाई थी। बांग्लादेश में पिछले कुछ समय से विपक्षी प्रदर्शन लगातार तेज होता जा रहा है। इसे कुचलने के लिए शेख हसीना ताकत का इस्तेमाल कर रही हैं और पुलिस की गोलीबारी में बीएनपी के कई कार्यकर्ता मारे भी गए हैं। बीएनपी मांग कर रही है कि एक केयरटेकर सरकार बनाई जाए जो निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराए। वहीं शेख हसीना ने प्रण कर रखा है कि वह कभी भी ‘आतंकियों’ को दोबारा सत्ता में नहीं आने देंगी। हसीना जहां बांग्लादेशी जनता को राहत नहीं दे पा रही हैं, वहीं उनके मुख्य सहयोगी चुनावी फंडिंग नहीं मिलने के कारण विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि अब इस बात की बहुत जरूरत है कि पर्दे के पीछे से क्षेत्रीय शक्तियां खासकर भारत हस्तक्षेप करे ताकि बांग्लादेश में उठे तूफान को रोका जा सके। अगर प्रधानमंत्री शेख हसीना इसके लिए राजी नहीं होती हैं तो भारत के पास विपक्षी दलों के साथ संपर्क का रास्ता खुला हुआ है। ऐसे में भारत को अलग रणनीति को अपनाना होगा। बांग्लादेश में चीन और पाकिस्तान दोनों ही सक्रिय हैं जो भारत के खिलाफ इस्लामिक कट्टरपंथी दलों को भड़काते हैं।
शेख हसीना सरकार पर भड़का अमेरिका
पीएम शेख हसीना ने जनता को आगाह किया है कि वे बीएनपी को सत्ता में न आने दें। बताया जा रहा है कि पुलिस ने बीएनपी के कई वरिष्ठ नेताओं को अरेस्ट कर लिया है। इन लोगों के खिलाफ कई तरह के आरोप लगाए गए हैं। इससे पहले बुधवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस बीच मानवाधिकार गुटों ने शेख हसीना की कार्रवाई का कड़ा विरोध किया है। बांग्लादेश में अमेरिका के राजदूत ने भी इस कार्रवाई पर चिंता जताई है। उन्होंने प्रशासन से पूरे मामले की जांच की मांग की है।