हाइलाइट्स
BBPS का इस्तेमाल अब रिकरिंग और गैर रिकरिंग दोनों तरह की डिपॉजिट के लिए किया जा सकेगा.
यह लेनदेन व्यक्तिगत और सिंगल भी होगा और रिकरिंग के जरिये भी किया जा सकेगा.
अब यूपीआई के जरिये भी ग्राहक अपने पैसे को खाते में ही ब्लॉक कर सकेंगे.
नई दिल्ली. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को एमपीसी बैठक के बाद बताया कि भारत बिल पे सिस्टम (BBPS) का दायरा अब बढ़ाया जा रहा है. अब इसके जरिये सिर्फ रिकरिंग बिल ही नहीं, बल्कि सिंगल पेमेंट भी किए जा सकेंगे. अभी इसके जरिये मर्चेंट को रिकरिंग बिल का भुगतान ही किया जाता है.
गवर्नर दास ने बताया कि अभी तक BBPS के जरिये न तो सिंगल बिल का भुगतान हो सकता था और न ही व्यक्तिगत रूप से कोई राशि स्वीकार कर सकता था. अब इस सिस्टम का दायरा बढ़ाया जा रहा है और इसके जरिये सभी तरह के भुगतान किए जा सकेंगे. BBPS का इस्तेमाल अब रिकरिंग और गैर रिकरिंग दोनों तरह की डिपॉजिट के लिए किया जा सकेगा.
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कहां-कहां होगा इस्तेमाल
दास ने बताया कि अब BBPS के जरिये पेशेवर सेवाओं की फीस, एजुकेशन फीस, टैक्स भुगतान, किराये का भुगतान या कलेक्शन जैसे काम किए जा सकेंगे. यह लेनदेन व्यक्तिगत और सिंगल भी होगा और रिकरिंग के जरिये भी किया जा सकेगा. इतना ही नहीं यूटिलिटी और मर्चेंट को भी इसके जरिये सिंगल पेमेंट किया जा सकेगा. आप चाहें तो इसका इस्तेमाल कर मकान मालिक को हर महीने किराये का भुगतान कर सकते हैं अथवा अपने सीए या डॉक्टर की फीस भी भर सकते हैं.
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने BBPS की शुरुआत साल 2017 में की थी, जिसका मकसद ग्राहकों को सुरक्षित और पारदर्शी पेमेंट सिस्टम मुहैया कराना था.
ग्राहक ब्लॉक कर सकेंगे यूपीआई का फंड
रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को एक और बड़ी सुविधा मुहैया कराई है. गवर्नर दास ने कहा है कि अब यूपीआई के जरिये भी ग्राहक अपने पैसे को खाते में ही ब्लॉक कर सकेंगे और मर्चेंट को होने वाले जरूरी या रिकरिंग भुगतान को रोका जा सकेगा. इसका मतलब है कि ग्राहक यूपीआई के जरिये मर्चेंट को किए जाने वाले मैनडेट पेमेंट को जब चाहे रोक सकते हैं. इससे ग्राहक अपने फंड का इस्तेमाल जरूरी उद्देश्यों के लिए कर सकेंगे.
केवाईसी अपडेट कराने बैंक नहीं जाना होगा
दास ने कहा कि अब ग्राहकों को अपनी री-केवाई कराने के लिए बैंक शाखा में जाने की जरूरत नहीं होगी. अगर केवाईसी के जरिये एड्रेस नहीं बदलवाना है तो बैंक इसे ऑनलाइन ही स्वीकार कर लेंगे. आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक, बैंकों को अपने ग्राहकों की केवाईसी समय-समय पर अपडेट करनी होती है. ग्राहक खाता खुलवाते समय जो केवाईसी कराता है, उसे बाद में अपडेट करानी होती है. लिहाजा री-केवाईसी के अब ग्राहक को ब्रांच जाने की जरूरत नहीं होगी. अगर कोई बैंक ग्राहक को ब्रांच में आने के लिए दबाव बनाता है तो उसके खिलाफ शिकायत की जा सकती है.
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Tags: Business news in hindi, RBI, RBI Governor, Shaktikanta Das, Upi
FIRST PUBLISHED : December 07, 2022, 15:32 IST