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बिहार डीएलएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में अब गलत उत्तर देने पर निगेटिव मार्किंग नहीं होगी। राज्य सरकार ने इस व्यवस्था को खत्म कर दिया है। इसके साथ ही मौजूदा अंक व्यवस्था को भी बदल दिया गया है। अब अभ्यर्थियों को ढाई घंटे में 150 की जगह 120 प्रश्नों के ही उत्तर देने होंगे। हालांकि उन्हें नए पैटर्न में एक सही जवाब के लिए तीन की जगह एक अंक ही मिलेंगे। लेकिन, गलत उत्तर पर पहले की तरह एक अंक नहीं कटेंगे।
शिक्षा विभाग ने डीएलएड प्रवेश परीक्षा के मौजूदा स्वरूप में कई अहम बदलाव किये हैं। अब प्रवेश परीक्षा के लिए न्यूनतम अर्हता अंक भी तय किए हैं। परीक्षा में सफल होने के लिए न्यूनतम अंक 35 होगा। आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को 30 अंक लाना होगा। वहीं, इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा में शामिल होने वाले , जिनका परिणाम नहीं आया है, वे भी डीएलएड प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। हालांकि चयन के लिए उन्हें इंटरमीडिएट परीक्षा में कम से कम 50 अंक लाना होगा। आरक्षित श्रेणी के लिए 5 की छूट मिलेगी। शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में डीएलएड प्रवेश परीक्षा- 2023 को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।
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तीसरे राउंड के बाद खत्म होगी सीटों की बाध्यता
शिक्षा विभाग ने परीक्षा को लेकर एक बेहद अहम बदलाव किया है। इसमें तीसरे राउंड के बाद सीटों की बाध्यता खत्म कर दी गयी है। इस समय कुल आवंटित सीटों की 50 फीसदी विज्ञान के लिए और 50 फीसदी कला व वाणिज्य संकाय के लिए आरक्षित है। लेकिन नयी व्यवस्था में नामांकन के तीसरे राउंड के बाद रिक्त रह गयी सीटों पर किसी भी संकाय के अभ्यर्थियों का नामांकन हो सकेगा, जो अपनी कोटि में शेष बचेंगे।
प्रमुख बदलाव
1. अब ढाई घंटे में 150 की जगह केवल 120 प्रश्नों के देने होंगे जवाब
2. पहली बार परीक्षा में पास होने के लिए न्यूनतम योग्यता अंक हुआ तय
3. सामान्य को 35 व आरक्षित को 30 अंक लाना होगा
4. इंटरमीडिएट परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को भी मिलेगा मौका
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