Home World Bilawal Bhutto Russia India: बिलावल पहुंचे रूस, डोभाल भी करेंगे यात्रा, धोखेबाज पाकिस्‍तान को साथ ला ‘महाप्‍लान’ पर जुटे पुतिन

Bilawal Bhutto Russia India: बिलावल पहुंचे रूस, डोभाल भी करेंगे यात्रा, धोखेबाज पाकिस्‍तान को साथ ला ‘महाप्‍लान’ पर जुटे पुतिन

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Bilawal Bhutto Russia India: बिलावल पहुंचे रूस, डोभाल भी करेंगे यात्रा, धोखेबाज पाकिस्‍तान को साथ ला ‘महाप्‍लान’ पर जुटे पुतिन

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इस्‍लामाबाद: महाकंगाली की हालत से गुजर रहा पाकिस्‍तान दुनियाभर से कर्ज की भीख मांग रहा है। इस बीच पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी रूस की यात्रा पर पहुंच गए हैं। पाकिस्‍तान ने हाल ही में रूस के साथ भारत की तरह से ही सस्‍ते तेल का सौदा किया है। इस सौदे के बाद अब बिलावल भुट्टो के अचानक भारत के दोस्‍त देश रूस पहुंचने पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। यह वही पाकिस्‍तान है जो रूस के खिलाफ यूक्रेन को तोप के गोले से लेकर कई तरह के हथियारों की सप्‍लाइ करके पैसा कमा रहा है। यही नहीं बिलावल भुट्टो की यात्रा के बाद भारत के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी रूस जाने वाले हैं। आइए समझते हैं क्‍या है पुतिन का महाप्‍लान…

अपनी पहली मास्‍को यात्रा पर पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के निमंत्रण पर पहुंचे हैं। इस बीच पाकिस्‍तानी मीडिया के मुताबिक दोनों देश अफगानिस्‍तान की अंतरिम तालिबानी सरकार के वादों को पूरा किए जाने की समीक्षा करेंगे। इसमें इस बात की भी समीक्षा होगी कि तालिबान देश में आतंकियों को शरण नहीं देने के अपने वादे को किस हद तक पूरा कर रहा है। बताया जा रहा है कि पाकिस्‍तान और रूस के बीच बातचीत का मुख्‍य मुद्दा अफगानिस्‍तान ही रहेगा।
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रूस की नजर TAPI गैस पाइपलाइन पर

पाकिस्‍तान सरकार इस बात को लेकर बेहद खफा है कि तालिबान राज में टीटीपी आतंकी भीषण हमले कर रहे हैं। रूस इस बात को लेकर बहुत चिंतित है कि अफगानिस्‍तान में आईएसआईएस के आतंकी तेजी से पैर पसार रहे हैं जो मास्‍को और उसके सहयोगियों के लिए बड़ा खतरा है। इसके अलावा रूस तालिबान के 1990 के दशक की तरह से क्रूरता को फिर से बढ़ावा देने से नाराज है। विश्‍लेषकों का कहना है कि रूस के बिलावल भुट्टो को बुलाने के पीछे एक बड़ा प्‍लान है। दरअसल, यूक्रेन युद्ध के बाद रूस से यूरोपीय देशों ने गैस लेना बहुत कम कर दिया है।

इससे रूस अपनी गैस को बेच नहीं पा रहा है। अब रूस चाहता है कि भारत और पाकिस्‍तान के बीच रिश्‍ते बेहतर हो तो वह अपनी गैस को पाकिस्‍तान और भारत के विशाल बाजार में बेच सकेगा। रूस TAPI गैस पाइपलाइन योजना को फिर से तेजी से आगे बढ़ाना चाहता है। तुर्कमेनिस्‍तान, अफगानिस्‍तान, पाकिस्‍तान और भारत के बीच इस गैस पाइपलाइन का निर्माण किया जाना है। रूस इसमें कजाखस्‍तान और उज्‍बेकिस्‍तान को भी शामिल करना चाहता है। इससे रूस को यूरोप के नुकसान की भरपाई होने की उम्‍मीद है।
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पाकिस्‍तान के साथ रिश्‍ते सुधारेगा भारत!

रूसी मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि यह भारत के लिए पाकिस्‍तान से रिश्‍ते सुधारने का सबसे सही मौका है। एक रूसी अखबार ने हाल ही में कहा था कि मास्‍को मध्‍य एशियाई और दक्षिण एशियाई गैस ग्रिड को बहुत आशान्वित है। उसका आसियान के बाजार तक पहुंचने का भी इरादा है। विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि इस सदी के मध्‍य तक दक्षिण पूर्व एशिया धरती का सबसे ज्‍यादा ऊर्जा का इस्‍तेमाल करने वाला इलाका बन जाएगा। उनका कहना है कि अफगानिस्‍तान, पाकिस्‍तान, भारत और चीन तक गैस पाइपलाइन भविष्‍य में एक हकीकत बनने जा रही है।

भारत ने रूस के प्रभुत्‍व वाले शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के लिए पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री को न्‍योता दिया है। कहा जा रहा है कि शहबाज शरीफ को भी भारत बुला सकता है। इससे पहले शहबाज शरीफ ने पीएम मोदी से गुहार लगाई थी कि वह बातचीत करें। पीएम मोदी ने भी ऐलान किया है कि जी-20 की अध्‍यक्षता के दौरान उनका लक्ष्‍य वसुधैव कुटुंबकम पर आधारित है। कई विश्‍लेषक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि भारत को पाकिस्‍तान को भी दिल्‍ली में सितंबर में होने वाले जी-20 शिखर सम्‍मेलन में विशेष अतिथि के रूप में बुलाना चाहिए।

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