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कांग्रेस ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को सोमवार को प्रदेश विधान परिषद के चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया। पार्टी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, विधान परिषद चुनाव के लिए शेट्टार के अलावा टी कंम्पकनूर और एन एस बोसराजू को प्रत्याशी बनाया गया है। कर्नाटक के हालिया विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में शेट्टार को हुबली-मध्य धारवाड़ से हार का सामना करना पड़ा था। शेट्टार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। बोसराजू प्रदेश सरकार में मंत्री हैं।
कर्नाटक विधान परिषद की 3 सीटों पर 30 जून को उपचुनाव होंगे। मतदान सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा और मतों की गिनती उसी दिन शाम 5 बजे होगी। इसमें विधानसभा के सदस्य हिस्सा लेंगे। ये तीनों सीटें विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सदस्य बाबूराव चिंचनसुर, आर शंकर और लक्ष्मण सावदी के इस्तीफे के बाद खाली हुई हैं। इनमें से केवल सावदी ही चुनाव जीत पाए, बाकी दोनों हार गए थे। मालूम हो कि कांग्रेस ने हाल ही में सम्पन्न हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 224 में से 135 सीटें जीतीं। बीजेपी को केवल 66 सीटों पर जीत हासिल हुी। वहीं, एचडी कुमारस्वामी की जेडीएस के खाते में 19 सीटें गईं।
केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन की तैयारी में कांग्रेस नेता
राज्य की अन्य राजनीतिक गतिविधियों की बात करें तो कर्नाटक में कांग्रेस राज्य की ‘अन्न भाग्य योजना’ के लिए चावल से इनकार करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस नेता भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ सभी जिला मुख्यालयों पर मंगलवार को प्रदर्शन करेंगे। संबंधित योजना में गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के प्रत्येक सदस्य को 10 किलोग्राम चावल देने की बात कही गई है। केंद्र ने हाल में खुला बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत केंद्रीय पूल से राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा जारी आदेश के अनुसार, ‘राज्य सरकारों के लिए ओएमएसएस (घरेलू) के तहत गेहूं और चावल की बिक्री बंद कर दी गई है।’ इसमें कहा गया कि ओएमएसएस के तहत चावल की बिक्री पूर्वोत्तर राज्यों, पर्वतीय राज्यों और कानून व्यवस्था की स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे राज्यों के लिए 3,400 रुपये प्रति क्विंटल की मौजूदा दर से जारी रहेगी। यह कदम मानसून की धीमी प्रगति और चावल व गेहूं की बढ़ती कीमतों के बीच आया है। पिछले एक साल में मंडी स्तर पर चावल की कीमतों में 10 प्रतिशत तक और पिछले एक महीने में आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।