मध्य प्रदेश के खंडवा के बहुचर्चित कालिख कांड में स्पेशल कोर्ट ने भाजपा विधायक राम दांगोरे (BJP MLA Ram Dangore) समेत 10 नेताओं को एक-एक साल की सजा सुनाई है। दोषियों ने 11 साल पहले छात्र संगठन एबीवीपी में रहते हुए एग्रीकल्चर कॉलेज के प्रोफेसर के चेहरे पर कालिख पोत दी थी। मार्च 2011 में हुई इस घटना में राम दांगोरे सहित 10 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसके अगले दिन एक अन्य प्रोफेसर की जान चली गई थी, जिसे इस कांड से भी जोड़कर देखा गया था। कोर्ट ने छात्र राजनीति में संयमित रहने की नसीहत देते हुए सभी को जमानत पर रिहा कर दिया।
खंडवा जिले में 9 मार्च वर्ष 2011 में घटित हुई घटना में छात्राओं से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं द्वारा किए प्रदर्शन के दौरान छात्र-छात्राओं ने कृषि महाविद्यालय के प्रोफेसर अशोक चौधरी की जमकर पिटाई कर दी थी और उनके मुंह पर कालिख पोत दी थी।
भगवंतराव मंडलोई कृषि कॉलेज में 9 मार्च 11 को प्रोफेसर अशोक चौधरी के मुंह पर कालिख पोतने वाले आरोपियों में मुख्य आरोपी अश्विनी साहू था। कालिख कांड में कोतवाली पुलिस ने एबीवीपी के 11 सदस्यों पर आईपीसी धारा 353, 332, 294, 56, 427, 147, 149 सहित एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस ने इस मामले में वर्तमान में पंधाना से भाजपा विधायक राम दांगोरे, भाजयुमो के जिलाध्यक्ष अनूप पटेल, विधायक के करीबी अश्विनी साहू, राहुल डोडे, रोहित मिश्रा, अंकित अवस्थी, कैलाश साहू, ज्योति वालिजंकर, सोनाली, आशीष तायड़े को पुलिस ने आरोपी बनाया था।
इनमें से आरोपी राम दांगोरे ने भाजपा के टिकट पर 2018 में आदिवासी आरक्षित सीट पंधाना से विधानसभा का चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। इसके बाद आरोपी राम दांगोरे के विधायक होने के कारण कालिख कांड का केस विशेष न्यायालय (एमपी-एमएलए कोर्ट) में चला गया। आखिरकार, 11 साल बाद इस बहुचर्चित कालिख कांड में सभी आरोपियों पर दोष सिद्ध हुआ। फरियादी प्रोफेसर अशोक चौधरी व अन्य गवाहों के कोर्ट में बयान हुए थे।
क्या हुआ था 11 साल पहले?
उक्त घटनाक्रम में कृषि महाविद्यालय के हॉस्टल में छात्राओं ने एक वरिष्ठ छात्रा की शिकायत डीन से की थी। साथ ही एक प्रोफेसर अशोक चौधरी पर भी छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। छात्राओं के मुताबिक, इस प्रोफेसर ने कॉलेज की छात्राओं को इंटर्नशीप के बदले यौनाचार की मांग की थी। इस मामले में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के साथ छात्राएं कॉलेज पहुंचीं और कॉलेज में जमकर हंगामा किया। एबीवीपी कार्यकर्ताओं का आरोप था कि कॉलेज की एक सीनियर छात्रा ने लगातार शिकायतें कीं, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया और इसी के विरोध में आज एबीवीपी कार्यकर्ता ने कॉलेज पहुंचकर प्रोफेसर का मुंह काला कर जमकर पिटाई की।
इस सिलसिले में छात्र-छात्राओं ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर डीन से मुलाकात की थी और वरिष्ठ छात्रा के अलावा प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। छात्रों की मांग पर प्रोफेसर चौधरी को डीन के कक्ष में बुलाया गया। इसी दौरान वहां मौजूद एबीवीपी कार्यकर्ताओं और छात्र-छात्राओं ने हंगामा करना प्रारंभ कर दिया व चौधरी से मारपीट की। कुछ आक्रोशित छात्रों ने प्रोफेसर के चेहरे पर कालिख पोत दी थी।