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बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को संसद में कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद, अब पार्टी के पास कोई पिछड़ा वर्ग का मुख्यमंत्री नहीं बचा है। राजस्थान में अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे। दोनों ही जगह कांग्रेस की बुरी हार हुई है। निशिकांत दुबे ने यह भी कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता राजीव गांधी ने 1990 के दशक में ओबीसी आरक्षण का विरोध किया था, इसलिए कांग्रेस को पिछड़े वर्गों का समर्थन करने का दावा नहीं करना चाहिए।
निशिकांत दुबे ने कहा, ”वे झूठ बोलते हैं और लंबे भाषण देते हैं, कहते हैं कि जाति-आधारित आरक्षण होना चाहिए और वे उन्हें (पिछड़े वर्ग से संबंधित व्यक्तियों को) मुख्यमंत्री बनाते हैं। आज भूपेश बघेल जी को हटा दिया गया है। अशोक गहलोत जी को हटा दिया गया है। अब उनके मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी हैं। क्या वह पिछड़ा चेहरा हैं? सुक्खू जो मुख्यमंत्री बचे हैं, क्या वे पिछड़े हैं?”
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के राजीव गांधी ने मंडल आयोग की सिफारिशों का विरोध किया था। उन्होंने कहा, “और उनके एकमात्र ओबीसी अध्यक्ष सीताराम केसरी जिन्हें धोती खोल कर बाहर कर दिया, इसलिए उनके द्वारा पिछड़े वर्गों और आरक्षण की बात करना गलत है।” दुबे की भाषा पर शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने विरोध जताया। उन्होंने कहा, ”ये शब्द सही नहीं थे, अगर आप इन्हें संवैधानिक दृष्टिकोण से देखें।”
बता दें कि लोकसभा जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक पर बहस कर रही है, जो राज्य में नौकरियों और व्यावसायिक संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण प्रदान करेगा। विधेयक पर चर्चा, जो कल शुरू हुई, ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और इस तथ्य पर गरमागरम बहस छेड़ दी है। वहीं, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को ही झारखंड के कुछ इलाकों में जनसंख्या का संतुलन बिगड़ने का दावा किया और सरकार से आग्रह किया कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू की जाए ताकि बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर किया जा सके। उन्होंने सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया। दुबे ने कहा, ”बांग्लादेशी घुसपैठिये आते हैं और आदिवासी महिलाओं से शादी करते हैं। वहां उनकी आबादी लगातार बढ़ रही है। यह हिंदू और मुसलमान का विषय नहीं है।”