Monday, July 8, 2024
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BPSC : बिहार में 40247 प्रधान शिक्षक और 6061 प्रधानाध्यापक भर्ती के लिए आवेदन शुरू, जानें योग्यता समेत 15 खास बातें


बिहार प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया आज 11 मार्च से शुरू हो गई है। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से निकाली गई प्रधान शिक्षकों के 40247 पदों और प्रधानाध्यापकों के 6061  पदों पर भर्ती के लिए  bpsc.nic.in या onlinebpsc.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन किया जा सकता है। दोनों भर्तियों के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 2 अप्रैल 2024 है। प्रधान शिक्षक भर्ती की रिक्तियों ( BPSC Bihar Pradhan Shikshak Bharti 2024 ) में 10081 पद अनारक्षित हैं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 4028, अनुसूचित जाति के लिए 8041, अनुसूचित जनजाति के लिए 808, अति पिछड़ा वर्ग 10056 और पिछड़ा वर्ग के लिए 7245 पद आरक्षित हैं। ध्यान रहे कि जो पहले निकली प्रधान शिक्षक भर्ती के लिए प्रकाशित विज्ञापन संख्या 04/2022 के लिए अंतिम रूप से फीस भुगतान करते हुए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं, वे उसी मोबाइल नंबर से नए सिरे से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करेंगे। उस मोबाइल नंबर पर वेरिफाई के लिए ओटीपी जाएगा, जिससे उन्हें फिर से भुगतान करने से छूट रहेगी, वे सीधे ऑनलाइन आवेदन भरेंगे।

जानें भर्ती से जुड़ी 10 खास बातें

1. योग्यता –
कोई भी शिक्षक इस परीक्षा में भाग ले सकता है बस उसके पास सरकारी प्रारम्भिक विद्यालयों में कम से कम 8 सालों का पढ़ाने का अनुभव हो। 

2. इस परीक्षा में अनुशासनिक कार्रवाई वाले शिक्षक शामिल नहीं होंगे। वहीं ऐसे शिक्षक भी शामिल नहीं होंगे, जिनका प्रमोशन हो चुका है।

3. आयु सीमा – 1 अगस्त 2024 को 58 वर्ष या उससे कम आयु के हो। 

4. सैलरी

प्रधान शिक्षकों को प्रारंभिक वेतन 30,500 रुपए मिलेगा। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर किए जाने वाले वेतन पुनरीक्षण के समय वेतन बढ़ाया जाएगा।

5. चयन- चयन लिखित परीक्षा के आधार पर होगा। इंटरव्यू नहीं होगा।

6. लिखित परीक्षा का पैटर्न 

प्रश्न पत्र दो भागों में बंटा होगा। पहले भाग में और दूसरे भाग में 75-75 प्रश्न होंगे। पूरा पेपर ढाई घंटे का होगा। इसमें पहले भाग में सामान्य अध्ययन का पेपर होगा। इसमें प्राथमिक गणित, मानसिक योग्यता, राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय घटनाचक्र, सामान्य विज्ञान, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन, भूगोल, भारतीय राजनीति वगैरह शामिल हैं। 

भाग -2  में डीएलएड विषय की परीक्षा होगी। सिलेबस बीपीएससी वेबसाइट से देखा जा सकता है। लिखित परीक्षा वस्तुनिष्ठ एवं बहुविकल्पीय आधारित होगी। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा। 

7. गलत उत्तर के लिए नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान नहीं है।

8. नियमावली के मुताबिक प्रधान शिक्षकों का अलग कैडर होगा। इनका पद ट्रांसफरेबल वाला होगा। जिले के अंदर और बाहर दोनों तरह का ट्रांसफर होगा।

9. आवेदन शुल्क

सामान्य/ओबीसी/अन्य राज्य : 750/-

एससी / एसटी / दिव्यांग : 200/-

महिला उम्मीदवार (बिहार निवासी) : 200/-

परीक्षा शुल्क का भुगतान केवल ऑनलाइन / ऑफलाइन शुल्क माध्यम से करें।

10. पहले आवेदन चुके आवेदकों को फीस से छूट

जो पहले निकली प्रधान शिक्षक भर्ती के लिए प्रकाशित विज्ञापन संख्या 04/2022 के लिए अंतिम रूप से फीस भुगतान करते हुए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं, वे उसी मोबाइल नंबर से नए सिरे से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करेंगे। उस मोबाइल नंबर पर वेरिफाई के लिए ओटीपी जाएगा, जिससे उन्हें फिर से भुगतान करने से छूट रहेगी, वे सीधे ऑनलाइन आवेदन भरेंगे।

बीपीएससी प्रधानाध्यापक भर्ती

11.   6061 प्रधानाध्यापकों की भर्ती


उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रिंसिपल के 6061 पदों में 1340 पद अनारक्षित हैं। 576 ईडब्ल्यूएस, 1283 एससी, 128 एसटी, 1595 अत्यंत पिछडृ़ा वर्ग और 1139 पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इसके लिए भी अभ्यर्थी 11 मार्च से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन करने की अंतिम तिथि 2 अप्रैल 2024 निर्धारित की गई है।

12. प्रधानाध्यापक पद की योग्यता 

कम से कम 50% अंकों के साथ स्नातकोत्तर उत्तीर्ण हो। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग, दिव्यांग महिला और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए न्यूनतम निर्धारित अंक में 5% की छूट दी जाएगी। मान्यता प्राप्त संस्थान से बी.एड, बीए.एड या बीएससी.ऐड उत्तीर्ण हो। वर्ष 2012 या उसके बाद नियुक्त शिक्षक हेतु शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण हो।


13. अनुभव संबंधी योग्यता  

राज्य सरकार के विद्यालय में पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत माध्यमिक शिक्षक के पद पर न्यूनतम 8 वर्ष की लगातार सेवा हो। सीबीएसई, आईसीएसई, बीएसईबी से अस्थाई संबद्धता प्राप्त विद्यालय में माध्यमिक शिक्षा के पद पर न्यूनतम 12 वर्ष की लगातार सेवा हो। राज्य सरकार के विद्यालय में पंचायती राज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर न्यूनतम 4 वर्ष की लगातार सेवा हो। सीबीएसई, आई सी एस ई, बीएसईबी से अस्थाई संबद्धता प्राप्त विद्यालय में उच्च माध्यमिक शिक्षा के पद पर न्यूनतम 10 वर्ष की लगातार सेवा हो। इस अवधि की गणना योगदान की तिथि अथवा प्रशिक्षण अर्हता प्राप्त करने की तिथि, जो बाद की तिथि हो, के आधार पर की जाएगी।

14. नियुक्ति में सीबीएसई स्कूलों में काम का अनुभव भी जोड़ा जाएगा। अपग्रेड और नवस्थापित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में हेडमास्टर नियुक्ति में यह बदलाव किया गया है। अनुभव को लेकर अलग-अलग साल और शर्त निर्धारित किये गए हैं। सेवा की गणना में नियोजित शिक्षकों के कार्य अनुभव को जोड़ा जाएगा। 4 से 12 साल तक की सेवा की गणना इसमें होगी।

15. सीबीएसई और सरकारी स्कूल में अगर पढ़ाया है तो वह अनुभव भी जोड़ा जाएगा। इसको लेकर शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने बिहार लोक सेवा आयोग के सचिव को पत्र लिखा है। 

1. पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत नियुक्त उच्च माध्यमिक शिक्षक यदि वर्ग 11-12 के विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्त हो गए हैं तो न्यूनतम चार वर्ष की लगातार सेवा की गणना में स्थानीय निकाय की अवधि को भी जोड़ा जा सकेगा।

2. पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत नियुक्त माध्यमिक शिक्षक यदि वर्ग 9-10 के विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्त हो गए हैं तो न्यूनतम आठ वर्ष की लगातार सेवा की गणना में स्थानीय निकाय की अवधि को भी जोड़ा जा सकेगा।

3. पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत नियुक्त माध्यमिक शिक्षक यदि वर्ग 11-12 के विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्त हो गए हैं तो न्यूनतम आठ वर्ष की लगातार सेवा की गणना में स्थानीय निकाय की अवधि को भी जोड़ा जा सकेगा।

4. सीबीएसई, आईसीएसई, बीसीईबी द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों में माध्यमिक शिक्षक के पद पर कार्यरत रहे हों और बाद में पंचायतीराज, नगर निकाय संस्था, बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा विद्यालय अध्यापक के माध्यमिक (9-10), उच्च माध्यमिक (11-12) विद्यालय अध्यापक के पद पर कार्यरत रहने की स्थिति में प्राप्त अनुभव दोनों तरह के विद्यालयों की अनुभव अवधि को एक साथ जोड़कर न्यूनतम 12 वर्ष की अवधि मान्य होगी।

5. सीबीएसई, आईसीएसई मान्यता प्राप्त विद्यालयों में उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर कार्यरत रहे हों और बाद में पंचायतीराज, नगर निकाय संस्था, बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा विद्यालय अध्यापक के उच्च माध्यमिक (11-12) विद्यालय अध्यापक के पद पर कार्यरत रहने की स्थिति में प्राप्त अनुभव दोनों तरह के विद्यालयों की अनुभव अवधि को एक साथ जोड़कर न्यूनतम 10 वर्ष की अवधि मान्य होगी।



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