Monday, July 8, 2024
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BPSC Shiksha bharti exam: बिहार शिक्षक भर्ती में कुछ विषयों मेंकड़ी टक्कर, तो कई विषयों में ऐसा होगा हाल


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BPSC TRE: शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के कई विषयों में सीट के बराबर शिक्षक नहीं मिलेंगे। कुछ विषयों में अभ्यर्थियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा रहेगी। बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से ली गई शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में जितने पद सृजित किये गए हैं, उस हिसाब से अभ्यर्थियों की संख्या कई विषयों में कम है। ऐसी स्थिति में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक दोनों में नियुक्ति के बाद भी पद रिक्त रह जाएंगे।

इधर, बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में कुछ विषयों को छोड़कर कई विषयों में अभ्यर्थी अगर सिर्फ तय अर्हता अंक प्राप्त कर लेंगे तो सफल हो जाएंगे। बचे हुए पदों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करानी होगी। इधर, बिहार बोर्ड ने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षा के लिए आवेदन प्राप्त कर लिया है। इस बार बीपीएससी ने एसटीईटी पास अभ्यर्थियों को ही परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया था। वर्ष 2019 ने बिहार बोर्ड माध्यमिक (9वीं से 10वीं) में सात विषयों की परीक्षा आयोजित की थी। इसमें एक लाख 33 हजार 293 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे, वहीं 53715 अभ्यर्थी अलग-अलग विषयों में सफल हुए थे। उच्च माध्यमिक (11वीं से 12वीं)में आठ विषयों की परीक्षा हुई थी। परीक्षा में 45284 अभ्यर्थी शामिल हुए थे, सफलता 26687 को मिली थी।

उच्च माध्यमिक में पदों की संख्या 57616 उच्च माध्यमिक में पदों की संख्या 57616 है, जबकि परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 39 हजार है। बिहार बोर्ड ने वर्ष 2019 में सिर्फ (11वीं से 12वीं)में आठ विषयों की परीक्षा ली थी। इसमें 26687 को सफलता मिली थी। उच्च माध्यमिक में कंप्यूटर साइंस में पदों की संख्या 8395 है, परीक्षा में 17 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए। गणित में 2673 पदों के विरुद्ध 2700 अभ्यर्थी शामिल हुए। जन्तु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, रसायन शास्त्रत्त्, अंग्रेजी, मैथिली और भौतिकी में पद से कम अभ्यर्थी शामिल हुए हैं। इनमें अभ्यर्थी तय अर्हता लायक अंक प्राप्त कर लेंगे तो नौकरी पक्की है। वहीं 2019 में 11वीं और 12वीं के लिए सामाजिक विज्ञान के विषयों की परीक्षा नहीं हुई थी। इससे रिक्त पदों के अनुसार पद नहीं भरेंगे। यही कारण है आयोग ने चार सितंबर से लेकर 12 सितंबर तक रिजल्ट के पहले ही अभ्यर्थियों के प्रमाण-पत्रों की जांच कराने का निर्देश दिया है।



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