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Bihar Shikshak Niyukti : जिला निबंधन सह परामर्श केन्द्र (डीआरसीसी) में काउंसिलिंग के दौरान एक बार फिर भारी अव्यवस्था का नजारा दिखा। इस दौरान बीस से अधिक अभ्यर्थी बेहोश हो गये। बेहोश हुए अभ्यर्थियों में बरौनी की लक्ष्मी कुमारी, समस्तीपुर के प्रवीण कुमार, बीहट के गोविंद कुमार, नालंदा के प्रेमजीत आदि शामिल हैं। बताया गया है कि क्षमता से अधिक अभ्यर्थियों के एक जगह पर जमा होने व अंदर की हवा के बाहर निकलने की व्यवस्था नहीं होने से सफोकेशन जैसा माहौल उत्पन्न हो गया। इससे पंक्ति में खड़े अभ्यर्थी नीचे गिर गये। इससे वहां अफरातफरी की स्थिति पैदा हो गई। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों व परिजनों के द्वारा उन्हें काउंसिलिंग कक्ष से बाहर निकाला गया। मुंह पर पानी का छींटा मारने के बाद उनकी स्थिति सामान्य हो सकी। हालांकि किसी अभ्यर्थी को अस्पताल ले जाने की नौबत नहीं आई।
प्रथम चरण में अध्यापक बहाली के दौरान काउंसिलिंग में खामियों से प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। लिहाजा, शिक्षक अभ्यर्थियों को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा। शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग के लिए 20 काउंटर बनाये गये थे। लेकिन, इसमें से कई फंक्शनल नहीं था। किस काउंटर पर किस क्लास व किस विषय की काउंसिलिंग होगी, इसका भी साइन बोर्ड नहीं लगाया गया था। बीच-बीच में सर्वर डाउन होने की बात कहकर काउंसिलिंग में तैनात कर्मी कुर्सी पर से उठ जाते थे। इसके चालीस से एक घंटे बाद वे फिर से काउंटर पर बैठते थे।
इससे अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। स्थिति यह थी कि कई अभ्यर्थी सुबह दस बजे ही काउंसिलिंग के लिए लाइन में खड़े हो गये। लेकिन, तीन बजे तक उनकी काउंसिलिंग नहीं हो सकी थी। सुचारू रूप से काउंसिलिंग की प्रक्रिया के लिए प्रशासनिक स्तर से कोई इंतजाम नहीं दिख रहा था। कई अभ्यर्थियों ने बताया कि वे घंटों लाइन में खड़े रहे। इस बीच पुलिसकर्मियों ने उन्हें लाइन से बाहर निकाल दिया। साथ ही, उन्हें टोकन लेकर आने का फरमान सुना दिया गया। अभ्यर्थियों के मुताबिक कुछ अभ्यर्थियों को बिना टोकन के ही काउंसिलिंग कराई गई तो कुछ को टोकन लेकर आने को कहा जा रहा था। सुबह में टोकन व्यवस्था का लेकर लाउडस्पीकर पर कोई निर्देश नहीं दिया जा रहा था। कुछ समय के अंतराल पर नियम में फेरबदल किया जा रहा था। अभ्यर्थियों की शिकायत थी कि उद्घोषणा के दौरान आवाज भी सही तरीके से नहीं आ रही थी। वहीं मौखिक पूछने पर वहां तैनात कोई अधिकारी या कर्मी कुछ बताने को तैयार नहीं थे। यह भी बताया गया कि गुरुवार को निर्धारित क्लास के अलावा पूर्व में निर्धारित वर्गों के भी शिक्षक अभ्यर्थी पहुंच गये। इससे भीड़ व अव्यवस्था पैदा हो गई। इस बीच सदर एसडीओ रामानुज प्रसाद सिंह, सदर अंचलाधिकारी समेत कई अधिकारी भी स्थिति का जायजा लेने पहुंचे। लेकिन, सिर्फ निरीक्षण कर लौट गये। व्यवस्था में इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ।