नई दिल्ली. रूस, चीन, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका वाले ब्रिक्स (BRICS) के विस्तार के साथ ही इसमें कुल 11 देश शामिल हो गए हैं. नए देशों में अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, सऊदी अरब, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं. इनकी घोषणा के साथ ही दुनिया भर में खलबली मच गई है. ईरान और सऊदी अरब के एक साथ शामिल होने पर भी हैरानी है क्योंकि ये दोनों लंबे समय तक प्रतिद्वंद्वी रहे हैं. विस्तार के कारण रूस और चीन को बड़ा फायदा मिलने जा रहा है. चीन के कारण ही ईरान और सऊदी अरब की एंट्री हो पाई है तो इस संगठन में एशियाई देशों का दबदबा बन गया है.
चीन की कोशिश है कि अधिक से अधिक देश ब्रिक्स में शामिल हों. वह चाहता है कि अधिक से अधिक देशों तक व्यापार फैले. इधर अमेरिका को यह विस्तार पसंद नहीं आया होगा. उसके दो प्रबल विरोधी रूस और चीन एक साथ एक मंच पर हैं. ऐसे समय में जब ईरान अमेरिका को चुनौतियां देता आ रहा हो तब अमेरिका का मित्र देश रहा सऊदी अरब; अब ईरान के साथ खड़ा नजर आएगा. नए देशों के आने से ब्रिक्स का आकार भी बढ़ेगा और उसकी ताकत भी. ऐसे में दुनिया के अन्य देशों तक इसकी खबर पहुंची है.
चीन को सबसे अधिक फायदा, ब्रिक्स के जरिए बढ़ाई अपनी धमक-चमक
चीन ने ब्रिक्स विस्तार के साथ अपनी धमक-चमक बढ़ाने में सफल हो गया है. उसने बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट से जुड़े देशों को ब्रिक्स विस्तार के पहले कदम में शामिल कर लिया है. इससे वह अपना कद बढ़ाकर दुनिया के सामने खुद का महाशक्ति बताना चाहता है. वहीं युद्ध के कारण अकेला हुआ रूस भी खुद को दुनिया मजबूत करने में जुटा हुआ है. वह दुनिया के सामने अपना नया चेहरा पेश करने में जुटा हुआ है. चीन चाहता है कि वैश्विक राजनीति की मुख्यधारा उसका जुड़ाव हो और वह लगातार इसलिए मंच की तलाश कर रहा था.
पीएम मोदी ने ब्रिक्स समिट में पेश किए ये अहम प्रस्ताव
ब्रिक्स के पूर्ण सत्र में पीएम मोदी ने कुछ अहम प्रस्ताव पेश किए, जिसमें अंतरिक्ष अन्वेषण संघ स्थापित करना, शिक्षा एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग, स्किल मैपिंग में सहयोग बढ़ाना, अंतरराष्ट्रीय बिग कैट गठबंधन के तहत ‘बड़ी बिल्लियों’ पर सहयोग तथा भंडार बनाकर पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना शामिल था.
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Tags: America, BRICS Summit, China, Russia
FIRST PUBLISHED : August 24, 2023, 18:04 IST