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राज्य के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए सोमवार से सक्षमता परीक्षा शुरू हुई। पहले दिन दोनों पालियों में नौ जिलों के 52 केन्द्रों पर ऑनलाइन परीक्षा हुई। लगभग 35 से 40 हजार नियोजित शिक्षकों ने भाग लिया। हालांकि कुछ केन्द्रों से उपस्थिति कम मिलने की जानकारी मिली है। कई शिक्षकों को माउस चलाने में भी दिक्कत हुई।
जूता-मोजा और पायल-कनबाली भी उतरवाया गया इलेक्ट्रॉनिक गजट का इस्तेमाल कर कोई परीक्षा में कदाचार न कर सके इसके लिए सख्ती बरती गई। शिक्षकों को परीक्षा केन्द्र में प्रवेश करने से पहले दो स्तरों से जांच की गई है। इस वजह से कई शिक्षक कुछ केन्द्रों पर गुस्सा भी गए। हालांकि बगैर जांच के किसी को केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया गया। मोबाइल फोन मुख्य गेट पर ही रखवा लिया गया। वहीं महिला शिक्षकों को भी जांच के बाद अंदर जाने दिया गया। जूता- मोजा भी खुलवा लिए गए। वहीं महिला शिक्षकों की चेन,पायल और कनबाली आदि उतरवा लिए गए। जिन महिला शिक्षकों ने नथुनी पहन रखी थी उसपर टेप चिपका दिया गया।
शिक्षक संगठनों ने परीक्षा लेने पर जताया रोष इधर प्राथमिक शिक्षक संगठन और माध्यमिक शिक्षक संगठन के नेताओं ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के नाम पर सरकार परेशान कर रही है। सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है। आसान परीक्षा के नाम पर शिक्षकों से कठिन सवाल पूछे जा रहे हैं।
सवालों का स्तर रहा कठिन
शिक्षक अभ्यर्थी परीक्षा के प्रश्नों को देखकर हैरान रह गए। कई ने बताया कि सरकार ने कहा कहा था कि परीक्षा में आसान प्रश्न पूछे जाएंगे पर प्रश्नों के स्तर को देखकर कोई नहीं बोल सकता है प्रश्न आसान पूछे गए हैं। प्रश्न काफी कठिन पूछे गए थे। टीआरई वन और टीआरई टू की तरह प्रश्न पूछे गए थे। यह बात टीआरई वन और टीआरई टू में शामिल होने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों ने बताई। कई अभ्यर्थियों ने बताया कि भाषा में 30 अंकों के सवाल पूछे गए थे। यह भी आसान नहीं थे। वहीं अंग्रेजी के प्रश्न तो परेशान करने वाले थे। वहीं 15 से 20 प्रश्न टीचिंग एप्टीट्यूड से पूछे गए थे। हालांकि जनरल नॉलेज के 15 से 20 प्रश्न बहुत आसान थे। विषय वाले प्रश्नों का स्तर मिलाजुला रहा। शिक्षकों ने बताया कि 60 प्रतिशत शिक्षक ही तय कटऑफ प्राप्त कर पाएंगे।