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कानपुर की जैनब फातिमा ने इसरो के लिए जो सॉफ्टवेयर अपनी इंटर्नशिप के दौरान बनाया, उसी से चंद्रयान-3 के फोटो हासिल कर सुरक्षित किए गए। बीटेक तीसरे वर्ष की पढ़ाई करते हुए जैनब को इसरो में तीन महीने की इंटर्नशिप मिली थी। उनके शानदार काम ने इसरो में जगह पक्की कर दी है। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह इसरो में काम करने लगेंगी।
जैनब फातिमा चमनगंज की एक तंग गली में साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। एक भाई व दो बहनों के बीच वह सबसे छोटी हैं। वालिद का फुटवियर का कारोबार है। हडसन स्कूल से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। जेईई में बैठीं लेकिन प्रबंधन कोटे से चेन्नई के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग में प्रवेश ले लिया।
इसरो जाने का सपना सच हो गया
जैनब बताती हैं- मुझे चांद-तारे देखना बहुत अच्छा लगता है। इसरो में इंटर्नशिप के लिए फॉर्म भरा था। किस्मत ने साथ दिया और इंटर्नशिप मिल गई। जो सपना देखा था वह सच हो गया। मेधा देख इसरो के नूतन कुमार ने जैनब चंद्रयान थ्री से जुड़े प्रोजेक्ट का एक सॉफ्टवेयर बनाने का जिम्मा दिया। जैनब इस परीक्षा में पास हो गईं। तीन महीने इंटर्नशिप की। चंद्रयान अभियान से जुड़ी रहीं। इसी सफलता के आधार पर उन्हें इसरो में नौकरी का ऑफर मिल गया।