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देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) निलंजन रॉय ने कहा कि कंपनी फिलहाल नई भर्तियों के लिए कॉलेज कैंपस नहीं जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी ने नौकरी के लिये जो ऑफर दिए हैं, उसका सम्मान करेगी। दिग्गज आईटी कंपनी ने पिछले साल 50,000 युवाओं को नौकरी दी थी। कर्मचारियों के ऑफिस आकर काम करने पर कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख ने कहा कि ऑफिसर में आकर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि कंपनी अपने काम करने के तरीके में लचीलापन बनाए रखना चाहती है।
कर्मचारियों के ऑफिसर से काम करने के मामले में इन्फोसिस की स्थिति प्रतिद्वंद्वी टीसीएस से अलग है। टीसीएस ने कोविड-19 महामारी के बाद शुरू की गई ‘घर से काम’ (डब्ल्यूएफएच) सिस्टम को खत्म करते हुए 6.14 लाख से ज्यादा अपने कर्मचारियों को ऑफिस आने के लिए कहा है।
रॉय ने कहा, ”पिछले साल, हमने कॉलेज से निकले 50,000 युवाओं को काम पर रखा था। उन्हें मांग से पहले काम पर रखा गया था… हमारे पास अभी भी ऐसे कर्मचारी हैं… निश्चित रूप से, हम उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आदि का प्रशिक्षण दे रहे हैं… फिलहाल हम कैंपस नहीं जा रहे हैं… हम अपने भविष्य के अनुमानों को देखते हुए हर तिमाही इस पर गौर करेंगे।”
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उन्होंने कहा कि कंपनी ने नियुक्ति को लेकर जो पेशकश किये हैं, उसका सम्मान करेगी और प्रोजेक्ट आने पर भर्तियां भी करेगी। इजराइल-हमास संघर्ष को लेकर एक सवाल पर कंपनी के सीईओ पारेख ने कहा कि इजराइल में कंपनी के सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि इजराइल में उसके ज्यादातर कर्मचारी स्थानीय हैं, लेकिन उन्होंने वहां कर्मचारियों की सटीक संख्या पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। “इजराइल में क्षेत्र के उस हिस्से में हमारा कारोबार है और…वहां जो कुछ चल रहा है…उससे हम दुखी हैं। हमारे सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं।”