Monday, July 8, 2024
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BTech : डीयू में बीटेक की सीटें अभी भी खाली, शुरू होगा स्पॉट रांउड, जेईई मेन स्कोर से हो रहा दाखिला


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DU BTech Admission 2023: दिल्ली विश्वविद्यालय बीटेक इलेक्ट्रिकल के लिए सीट न भर पाने की स्थिति में स्पॉट राउंड शुरू करने जा रहा है। डीयू जल्द इसकी तिथियों की घोषणा करेगा। डीयू की डीन एडमिशन प्रो.हनीत गांधी ने बताया कि बीटेक तीन कोर्स में से दो में सीटे भर चुकी हैं। बीटेक इलेक्टिकल कुछ सीटें खाली हैं इसके लिए हम स्पॉट राउंड शुरू करेंगे। आपको बता दें कि इस साल से विश्वविद्यालय में बीटेक के तीन नए कोर्स शुरू किए गए हैं। प्रौद्योगिकी संकाय द्वारा संचालित कोर्सेज बीटेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग शामिल हैं।  जेईई मेन स्कोर से इसमें दाखिले दिए गए हैं। 

जेईई मेन्स के अलावा योग्यताएं

उम्मीदवारों को एक ही मान्यता प्राप्त बोर्ड से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। इसके अलावा उम्मीदवार को भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित के कुल योग में 60 फीसदी या उससे अधिक अंक प्राप्त करने जरूरी है और सीनियर स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा स्तर पर अध्ययन के विषय के रूप में अंग्रेजी (कोर या ऐच्छिक) भी उत्तीर्ण होना चाहिए। 

डीयू में यूजी कोर्सेज की पांच हजार से अधिक सीटें खाली 

डीयू में स्नातक पाठ्यक्रम में करीब पांच हजार से अधिक सीटें खाली हैं। इनमें अनारक्षित और आरक्षित वर्ग की सीटें शामिल हैं। हालांकि, भाषा और बीए प्रोग्राम के पाठ्यक्रम में ही अनारक्षित वर्ग की सीटें खाली हैं। बंगाली, उर्दू सहित अन्य भाषाओं में छात्र कम रुचि ले रहे हैं।  नार्थ कैंपस के कॉलेजों में जहां कई विषयों में सीटों से अधिक दाखिले हुए हैं, वहीं साउथ कैंपस के कॉलेजों में कई विषयों में आरक्षित तथा अनारक्षित श्रेणी वर्ग की सीटें नहीं भरी हैं। डीयू के अनुसार, अनारक्षित वर्ग में लगभग 1 हजार और आरक्षित वर्ग में करीब 4 हजार से अधिक सीटें खाली हैं। 

स्पेशल ड्राइव के बावजूद सीटें नहीं भरीं  

दाखिले से जुड़े एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि डीयू पहले भी आरक्षित वर्ग की सीटों को भरने के लिए स्पेशल ड्राइव चलाता था, लेकिन सीटें खाली रह जाती थी। इसके पीछे कई तरह के तर्क दे सकते हैं। उनका कहना है कि छात्रों को कई बार मनचाहा कोर्स या कॉलेज नहीं मिलता है। इसके अलावा दिल्ली में छात्रों के लिए रहना-खाना एक बढ़ी समस्या है। सभी विद्यार्थी यह खर्च वहन नहीं कर सकते हैं। ज्ञात हो कि स्नातक में दाखिले के लिए तीन स्पेशल ड्राइव चलाने के बावजूद सीटें नहीं भरी हैं।



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