Home Education & Jobs BTech , BE इंजीनियरिंग कोर्सेज में घटी मांग और दिलचस्पी, MBA पर फोकस कर रहे युवा

BTech , BE इंजीनियरिंग कोर्सेज में घटी मांग और दिलचस्पी, MBA पर फोकस कर रहे युवा

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देश में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की मांग में लगातार कमी आ रही है। रोजगार के अवसर की कमी, संस्थानों की शैक्षिक गुणवत्ता में कमी, कौशल युक्त इंजीनियरिंग ग्रेजुएट तैयार नहीं कर पाने और आधारभूत संरचना की कमी को इसकी बड़ी वजह माना जा रहा है। नई शिक्षा नीति में विपरीत रुझान को देखते हुए पाठ्यक्रम को ज्यादा रोजगार परक और गुणवत्ता युक्त बनाने की उम्मीद जताई जा रही है। अधिकारियो का कहना है कि इस बात की कोशिश की जा रही है कि जिन संस्थानों में पर्याप्त आधारभूत संरचना और गुणवत्ता युक्त फैकल्टी नहीं है, उन्हें सीटों की अनुमति नहीं दी जाए। 

पाठ्यक्रम में सुधार के साथ उद्योगों से अनुबंध पर खास जोर देने को कहा गया है, जिससे छात्रों को रोजगार से जोड़ा जा सके।अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के आंकड़ों से पता चलता है कि 2021-22 में देश में इंजीनियरिंग सीटों की कुल संख्या पिछले 10 वर्षों में सबसे कम रही है।

BTech की 4 लाख से ज्यादा सीटें रह गईं खाली, सरकार ने बताई वजह

प्रबंधन पाठ्यक्रमों में वृद्धि वर्ष 2019-20 के बाद से प्रबंधन पाठ्यक्रमों के लिए सीटों में लगातार वृद्धि नजर आई है, जिसमें 2021-22 में प्रस्तावित सीटें 4.04 लाख रही, जो पिछले पांच सालों में सबसे अधिक रही हैं। विशेषज्ञ इसे रोजगार और मांग से जोड़कर देख रहे हैं। वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक के आंकड़ों का विश्लेषण बताता है कि प्रबंधन पाठ्यक्रमों की तुलना में पिछले पांच वर्षों में इंजीनियरिंग कॉलेजों में अधिक सीटें खाली रहीं। प्रबंधन संस्थानों में रिक्त सीटों का प्रतिशत 34 से 37 के बीच था, जबकि इंजीनियरिंग कॉलेजों में खाली सीटों की संख्या कई बार 45 प्रतिशत से भी ज्यादा रही।

क्या कहते हैं आंकड़े

– संसद में पेश आंकड़ों के मुताबिक, एआईसीटीई द्वारा वर्ष 2021-22 में 12,53,337 सीट पर दाखिलों को स्वीकृति दी गई। इनमें से 4,21,203 सीट खाली रह गई

– वर्ष 2020-21 में 12,86,545 सीटो की स्वीकृति दी, इनमें से 5,66,538 सीट खाली रह गईं

– वर्ष 2019-20 में 13,28,247 सीटें थीं, इनमें से 5,87,314 खाली रह गईं

– वर्ष 2018-19 में 13,95,345 में से 6,18,932 सीट खाली रहीं।

– वर्ष 2017-18 में 14,65,873 में से 7,22,112 सीट खाली रहीं

एमबीए पर फोकस

विशेषज्ञ मानते हैं कि इंजीनियरों को ग्रेजुएशन के बाद नौकरी नहीं मिल रही। वे एमबीए की तरफ रुख कर रहे हैं। कई बार आईआईटी जैसे संस्थान से बीटेक करके भी छात्र प्रबंधन शिक्षा की ओर रुख करते हैं।



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