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‘जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता.’ भगवान बुद्ध का मानना है कि जिस प्रकार मोमबत्ती को जलाने के लिए आग की जरूरत पड़ती है, उसी प्रकार इंसान जब तक अपने भीतर आध्यात्मिक ज्वाला को नहीं जलाता, तब तक वह जीवन को बेहतर तरीके से नहीं जी पाता. Image : Canva
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