Home Business Budget 2023: सस्ती होगी ऑनलाइन शॉपिंग और सर्विसेज! स्टार्टअप कंपनियों ने सरकार के सामने रखी ये बड़ी मांग

Budget 2023: सस्ती होगी ऑनलाइन शॉपिंग और सर्विसेज! स्टार्टअप कंपनियों ने सरकार के सामने रखी ये बड़ी मांग

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Budget 2023: सस्ती होगी ऑनलाइन शॉपिंग और सर्विसेज! स्टार्टअप कंपनियों ने सरकार के सामने रखी ये बड़ी मांग

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हाइलाइट्स

स्टार्टअप बॉडी ने कहा- डायरेक्ट टैक्स से जुड़ी समस्याओं में राहत दी जाए.
विभिन्न सेवाओं और उत्पादों पर जीएसटी दर घटाने की मांग की है.
स्टार्टअप निकाय ने मौजूदा नियमों को लेकर चिंताएं जताई हैं.

नई दिल्ली. अगले साल पेश होने वाले आम बजट को लेकर आम आदमी से लेकर इंडस्ट्री दिग्गजों की सरकार से अपनी-अपनी आशाएं हैं. इसी कड़ी में स्टार्ट-अप उद्योग निकाय IndiaTech.org ने वर्तमान में सभी सेक्टर्स में स्टार्टअप पर लागू प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के तहत कुछ मानदंडों में बदलाव करने की मांग की है. इस निकाय ने इनमें से कुछ नियमों पर पुनर्विचार करने और इन करों के पुनर्गठन का भी सुझाव दिया है.

स्टार्ट अप बॉडी ने 8 दिसंबर को दो अलग-अलग सबमिशन में सरकार से इस बारे में विचार करने को कहा है. MakeMyTrip, Nykaa, Ola, Policybazaar, Dream11, BharatMatrimony,
CoinSwitch, WazirX, Zomato, Meesho, और PharmEasy, कुछ ऐसे नाम हैं, जो
IndiaTech.org के सदस्य हैं.

इन मुद्दों पर राहत देने की मांग
मनीकंट्रोल को मिली जानकारी के अनुसार, प्रत्यक्ष करों के तहत माल और सेवा कर (GST) प्राथमिक घटक है, जिनकी वजह से विशेष रूप से ट्रैवलिंग और अन्य ई-कॉमर्स सेक्टर्स में कुछ स्टार्ट-अप्स को अजीबोगरीब चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. इनमें सेंट्रल और स्टेट जीएसटी और दोनों द्वारा की जा रही जांच शामिल है. इसी मुद्दे के लिए जीएसटी प्राधिकरण, ऑनलाइन गैर-वातानुकूलित बस टिकटिंग के लिए अतिरिक्त जीएसटी का भुगतान, शादी मंडप बुकिंग के लिए उच्च जीएसटी दर, टीयर -2 और 3 शहरों में स्टोरेज के लिए प्रोत्साहन आदि मुद्दों पर राहत देने की मांग की गई है.

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IndiaTech.org के सीईओ रमेश कैलासम ने मनीकंट्रोल को बताया, “सरकार कुछ समय में अप्रत्यक्ष करों के लिए दिशा-निर्देशों ला सकती है, लेकिन डायरेक्ट टैक्स को लेकर जाहिर की गई चिंताओं को बजट के दौरान जल्द से जल्द संबोधित करने की जरूरत है.”

वर्तमान में राज्य जीएसटी और केंद्रीय जीएसटी दोनों अधिकारी एक ही इकाई के लिए एक ही मुद्दे पर अलग-अलग जांच कर सकते हैं, जिससे व्यवसायों के लिए अनावश्यक कठिनाई हो सकती है. इसे संबोधित करने के लिए, जीएसटी परिषद सचिवालय ने दिशा-निर्देश जारी किए जो जीएसटी अधिकारियों के साथ एकल इंटरफेस सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच उनके टर्नओवर के आधार पर करदाताओं को अलग करते हैं. हालाँकि, इसका पालन नहीं किया गया और कंपनियों को दोनों संस्थाओं से कई नोटिस / समन मिलना जारी है.

उद्योग समूह ने अपने बयान में कहा, “सरकार को संशोधित दिशा-निर्देशों के साथ कानून में उपयुक्त संशोधन करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि टर्नओवर या किसी अन्य आधार पर कंपनियों के लिए एकल इंटरफेस हो और इसका सभी जीएसटी अधिकारियों द्वारा पालन किया जाना चाहिए.”

ऑनलाइन ट्रैवल टिकट बुकिंग पर अतिरिक्त जीएसटी
ऑनलाइन ट्रैवल टिकट बुकिंग के लिए वेबसाइटें वर्तमान में गैर-वातानुकूलित “स्टेज कैरिज” टिकटों के लिए अतिरिक्त जीएसटी लेती हैं, जबकि ऑफ़लाइन बुकिंग में ऐसा नहीं होता है. नतीजतन, बस ऑपरेटर आसानी से कम ऑफलाइन चार्ज कर सकते हैं. इससे ई-कॉमर्स ऑपरेटर का बिजनेस प्रभावित होता है और ग्राहक को परेशान होते हैं.

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इसी तरह, मैरिज हॉल, वेन्यू या शादी के मंडप बुक करने वाले व्यवसायों पर वर्तमान में GST में 18% चार्ज किया जाता है, जो कि काफी अधिक है और इस स्पेस में स्टार्टअप्स पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है,
इससे स्टार्टअप्स से जुड़े भागीदार के मार्जिन पर असर पड़ रहा है. उद्योग निकाय ने सुझाव दिया कि व्यापार करने में अधिक आसानी और पारदर्शिता के लिए 18% GST स्लैब को घटाकर 5% कर दिया जाना चाहिए.

IndiaTech.org ने टीयर-2 और टीयर-3 चिन्हित स्थानों में गोदामों और बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए ई-कॉमर्स व्यवसायों के लिए एक विशेष प्रोत्साहन का भी अनुरोध किया. उन पर वर्तमान में 18% GST लगाया जाता है, और निकाय ने सुझाव दिया कि इसे घटाकर 5% GST कर दिया जाए.

प्रत्यक्ष करों के मामले में स्टार्टअप क्षेत्र के लिए प्रमुख मुद्दों में से एक यह है कि स्टार्टअप्स में सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध शेयरधारिता पर वर्तमान में अलग-अलग कर लगाया जाता है. इसमें बदलाव किए जाने की मांग की गई है.

Tags: Budget, Direct tax, Indian startups

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