Home National businessman gets gst notice for difference of 36 paise two thousand rupees will be spent in reply – 36 पैसे के अंतर पर व्‍यापारी को मिला जीएसटी का नोटिस, जवाब देने में खर्च हो जाएंगे दो हजार , उत्तर प्रदेश न्यूज

businessman gets gst notice for difference of 36 paise two thousand rupees will be spent in reply – 36 पैसे के अंतर पर व्‍यापारी को मिला जीएसटी का नोटिस, जवाब देने में खर्च हो जाएंगे दो हजार , उत्तर प्रदेश न्यूज

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businessman gets gst notice for difference of 36 paise two thousand rupees will be spent in reply – 36 पैसे के अंतर पर व्‍यापारी को मिला जीएसटी का नोटिस, जवाब देने में खर्च हो जाएंगे दो हजार , उत्तर प्रदेश न्यूज

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GST Notice: जीएसटी विभाग के अधिकारियों का दावा रहता है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) मिस मैच के मामलों में व्यापारी के पास नोटिस नहीं भेजी जाएगी। उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। लेकिन यह दावा हवा हवाई साबित हो रहा है।

व्यापारियों को एक रुपये से भी कम के आईटीसी मिस मैच पर जीएसटी विभाग का नोटिस पहुंच रहा है। ऐसे ही 36 पैसे के आईटीसी मिस मैच को लेकर गोरखपुर की महेवा मंडी की कारोबारी विमला देवी के पास नोटिस पहुंचा है। व्‍यापारियों का कहना है कि नोटिस का जवाब देने में अधिवक्‍ता से कार्यालय तक कम से कम दो हजार रुपए खर्च हो जाते हैं। 

पिछले दिनों वित्तीय वर्ष 2017-18 में आईटीसी मिस मैच को लेकर सैकड़ों व्यापारियों और उद्यमियों को पास जीएसटी का नोटिस पहुंचा था। मामला व्यापार वंधु की बैठक में भी उठा था। अब वित्तीय वर्ष 2018-19 को लेकर आईटीसी मिस मैच के मामलों को लेकर व्यापारियों के पास नोटिस पहुंच रहा है।

महेवा न्यू मंडी में घी-तेल का कारोबार करने वाली विमला देवी के पास 36 पैसे के अंतर को लेकर नोटिस पहुंचा है। चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष संजय सिंघानिया का कहना है कि अधिकारी कहते हैं कि 1000 रुपये से कम अंतर पर नोटिस नहीं जाएगा। लेकिन 80 वर्ष की कारोबारी को नोटिस भेजा गया है। जबकि यह फर्म दो साल पहले बंद भी हो चुकी है।

जवाब देने में 2000 रुपये तक का खर्च 

व्यापारी को भले ही ऐसे नोटिसों पर जुर्माना नहीं जमा करना पड़ रहा हो लेकिन जवाब दाखिल करने में डेढ़ से दो हजार रुपये खर्च हो जा रहे हैं। व्यापारी विशाल गुप्ता का कहना है कि जवाब देने में अधिवक्ता से लेकर कार्यालय खर्च कम से कम 2000 रुपये हो जाता है।

क्या है आइटीसी मिस मैच

वर्ष 2020 से पहले सामान खरीदने वाले व्यापारी को ही यह विवरण देना होता था कि उसने कितने का सामान खरीदा, कितना जीएसटी दिया। और सामान की बिक्री करने के बाद कितना जीएसटी दिया। खरीद और बिक्री के दौरान जीएसटी के अंतर को ही इनपुट टैक्स क्रेडिट कहते हैं। वर्ष 2020 के बाद खरीदार और विक्रेता दोनों को जीएसटी का डिटेल देना होता है। आयकर अघिवक्ताओं का कहना है कि 2017 से लेकर 2020 तक के मामलों में ही आईटीसी मिस मैच का मामला आ रहा है।

क्‍या बोले अफसर

एडिशनल कमिश्‍नर ग्रेड वन विमल कुमार ने कहा कि सिस्टम से ऑटो जेनरेट नोटिस कुछ व्यापारियों के पास गया है। इसे लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसे मामलों को लेकर अधिकारियों को भी निर्देश दिये गए हैं। किसी व्यापारी के साथ गलत नहीं होगा। यदि ऐसी कोई दिक्कत है, तो व्यापारी व्यक्तिगत मिल सकता है।

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