केंद्र सरकार की ओर से नागरिकता (संशोधन) अधिनियम यानी कि CAA को लागू कर दिया गया है। इस कानून के माध्यम से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को भारत की नागरिकता मिलेगी। हालांकि, विपक्षी दलों की ओर से इस मुद्दे पर केंद्र सरकार का विरोध भी किया जा रहा है। इसी क्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी CAA के मुद्दे पर बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कई बड़े बयान जारी किए हैं।
पहले अपने लोगों को रोजगार दें
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार को पहले अपने लोगों को रोजगार देना चाहिए। लेकिन सरकार पड़ोस से लोगों को भारत लाना चाहती है। केजरीवाल ने कहा कि हरियाणा आदि राज्यों से लोगों को इजरायल भेजा जा रहा है। सरकार पाकिस्तानी लोगों को भारत लगा के बसाकर सरकार हमारे हक के रोजगार उन्हें देना चाहती है। केजरीवाल ने कहा कि अगर भाजपा दस साल कुछ काम करती तो उसे सीएए का सहारा नहीं लेना पड़ता।
केजरीवाल ने कहा कि सरकार कह रही है कि अभी सरकार कह रही है कि केवल 2014 तक भारत आए लोगों को नागरिकता दी जाएगी। लेकिन ये बस शुरुआत है आगे जाकर बड़ी संख्या में पाकिस्तान और बांग्लादेश से लोग भारत आएंगे। इस कारण भारत के बच्चों के हक और रोजगार छीने जाएंगे।
केजरीवाल ने कहा कि CAA का सबसे बड़ा नुकसान पूर्वोत्तर के राज्यों को होने वाला है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि सरकार इन लोगों को भारत में बसाएगी। केजरीवाल ने असम के सीएम हिमंता विश्व शर्मा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें सीएए का विरोध करना चाहिए था।