हाइलाइट्स
सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए देसी वैक्सीन को विकसित कर लिया गया है
महिलाओं में बच्चेदानी के मुंह के पास कैंसर कोशिकाएं फैलनी शुरू होती है.
Cervical cancer vaccine:महिलाओं में होने वाली सर्विकल कैंसर बेहद खतरनाक बीमारी है जिसके लिए आमतौर पर एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमावायरस) जिम्मेदार होता है. अब एचपीवी शरीर में घुसे ही नहीं, इसके लिए इसकी वैक्सीन तैयार कर ली गई है. भारत में अब सर्विकल कैंसर की वैक्सीन को 9 से 14 साल की लड़कियों को देने की सारी तैयारी कर ली है. अगले साल की शुरुआत से यह वैक्सीन इस उम्र की लड़कियों को लगने लगेगी. एनटीएजीआई (NTAGI -National Technical Advisory Group) के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए देसी वैक्सीन को विकसित कर लिया गया है जिसे अगले साल अप्रैल-मई तक उपलब्ध करा दिया जाएगा. डॉ एन के अरोड़ा ने बताया कि 9-14 साल की उम्र की लड़कियों के लिए इस एक राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के 2023 के मध्य तक शुरू होने की संभावना है.
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क्या है सर्विकल कैंसर
मायो क्लिनिक के मुताबिक जैसा कि नाम से ही समझा जा सकता है कि सर्विकल कैंसर सर्विक्स यानी गर्भाशय ग्रीवा से शुरू होता है. सीधे शब्दों में कहें तो महिलाओं में बच्चेदानी के मुंह के पास कैंसर कोशिकाएं फैलनी शुरू होती है. इसलिए इसे बच्चेदानी के कैंसर के नाम से भी जाना जाता है. अधिकांश मामलों में इसके लिए ह्यूमन पेपिलोमावायरस जिम्मेदार होता है. एचपीवी यौन संचरित इंफेक्शन है. 30 साल की उम्र के बाद यह बीमारी किसी भी महिला को हो सकती है. जब एचपीवी का हमला होता है तब बॉडी का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाताहै.
सर्विकल कैंसर के लक्षण
सर्विकल कैंसर के शुरुआती लक्षण नहीं दिखते हैं. एडवांस स्टेज में ही इसके लक्षण दिखाई देते हैं. आमतौर पर इस स्टेज में यौन संबंध के बाद या पीरियड्स के बीच में या मेनोपॉज के बाद वेजाइनल ब्लीडिंग होता है. इसके अलावा तेज बदबू के साथ डिस्चार्ज या ब्लड के साथ डिस्चार्ज हो सकता है. वहीं यूरिन पास करते समय दर्द महसूस हो सकता है.
सर्विकल कैंसर से कैसे बचे
35 साल की उम्र के बाद हर महिला को साल-दो साल में एक बार पैप स्मीयर का टेस्ट जरूर कराना चाहिए. चूंकि शुरुआत में इसका पता नहीं चलता, इसलिए पैप स्मीयर का टेस्ट कराना जरूरी है. इसके अलावा सुरक्षित संबंध बनाएं. वहीं स्मोकिंग, मोटापा, पारिवारिक इतिहास, गर्भनिरोध गोलियों का इस्तेमाल आदि करने वाली महिलाओं का इसका जोखिम ज्यादा रहता है. क्लैमाइडिया इंफेक्शन से भी सर्विकल कैंसर हो सकता है. इन आदतों में सुधार करना होगा. फलों और कम सब्जियों का सेवन भी सर्विकल कैसर के लिए जिम्मेदार हो सकता है.
कितनी होगी कीमत
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया कि इस टीके की कीमत 200-400 रुपये प्रति डोज हो सकती है. मौजूदा समय में बाजार में इस टीकों की कीमत 2,500-3,300 रुपये प्रति खुराक है. भारत में 80,000 लोगों की मौत सर्वाइकल कैंसर की वजह से ही होती है. भारत में सर्वाइकल कैंसर 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में दूसरा सर्वाधिक होने वाला कैंसर है.
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Tags: Cancer, Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : December 15, 2022, 17:35 IST