Thursday, April 10, 2025
Google search engine
HomeEducation & JobsCAPF, SSB : केंद्र को 2016, 2018 भर्ती के कांस्टेबल, SI, ASI...

CAPF, SSB : केंद्र को 2016, 2018 भर्ती के कांस्टेबल, SI, ASI के रिक्त पद भरने का निर्देश


ऐप पर पढ़ें

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में उन विभिन्न पदों की रिक्तियों को भरने और उम्मीदवारों को चार सप्ताह में नियुक्ति पत्र देने का निर्देश दिया, जिनके लिए क्रमशः 2016 और 2018 में विज्ञापन दिया गया था। उच्च न्यायालय ने कहा कि चयनित उम्मीदवारों को काल्पनिक वरिष्ठता के साथ नियुक्त किया जाएगा, लेकिन बिना पिछले वेतन के। उच्च न्यायालय उन याचिकाओं पर सुनवायी कर रहा था जिसमें एसएसबी में सब-इंस्पेक्टर, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर और हेड कांस्टेबल और सीएपीएफ में कांस्टेबल के पदों के लिए बची हुई रिक्तियों को उनकी योग्यता के क्रम में भरने के लिए प्राधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। 

     

दो अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित की गई थीं- एक परीक्षा 2016 में एसएसबी में नियुक्ति के लिए और दूसरी सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए। एसएसबी देश के सात सीएपीएफ में से एक है। अन्य हैं: असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एनएसजी और सीआईएसएफ।

एसएसबी में रिक्तियों को भरने के लिए निर्देश का अनुरोध करने वाले याचिकाकर्ताओं ने कहा कि प्राधिकारियों ने 2016 में 872 पदों के लिए विज्ञापन दिया था और परिणाम 2019 में तीन साल बाद घोषित किए गए थे। हेड कांस्टेबल के पद के लिए 746 रिक्तियों में से 674 भरे गए थे और 72 लंबित थे।

SSC GD Constable Bharti : एसएससी जीडी कांस्टेबल 45000 भर्ती के नोटिफिकेशन में किए गए तीन बदलाव

    

उन्होंने कहा कि हालांकि, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन के उल्लंघन में चयन के संबंध में कोई प्रतीक्षा सूची जारी नहीं की गई थी, जिसमें कहा गया है कि उन रिक्तियों को अगले वर्ष के लिए आगे नहीं बढ़ाया जाएगा जिनके लिए विज्ञापन दिया गया था तथा यदि कोई पद रिक्त रहता है, तो उसे आरक्षित सूची से भरा जाएगा।

    

60,210 पदों के लिए दिए गए थे विज्ञापन 

पूरे सीएपीएफ में रिक्तियों को भरने के लिए दिये गए विज्ञापन के संबंध में, याचिकाकर्ताओं ने कहा कि 60,210 पदों के लिए विज्ञापन दिये गए जिनमें 55,912 उम्मीदवारों का चयन किया गया था। करीब चार हजार पद योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने के कारण नहीं भरे जा सके। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्ण की पीठ ने कहा कि उसे लगता है कि बचे हुए उम्मीदवारों में से उन लोगों को काम पर रखने से न केवल मेधावी उम्मीदवारों को खाली सीटों पर नियुक्ति पाने में लाभ होगा, बल्कि यह अधिकारियों के हित में भी है क्योंकि इससे उन्हें 2016 और 2018 में विज्ञापित रिक्तियों से संबंधित एक और श्रमसाध्य भर्ती प्रक्रिया आयोजित नहीं करनी होगी। 



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments