Home National Caste Census in Bihar: घर में एक से ज्यादा चूल्हा और दरवाजे हैं तो? बिहार की जातीय जनगणना में पूछे जा रहे ये सवाल

Caste Census in Bihar: घर में एक से ज्यादा चूल्हा और दरवाजे हैं तो? बिहार की जातीय जनगणना में पूछे जा रहे ये सवाल

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Caste Census in Bihar: घर में एक से ज्यादा चूल्हा और दरवाजे हैं तो? बिहार की जातीय जनगणना में पूछे जा रहे ये सवाल

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रिपोर्ट- उधव कृष्ण


पटना. बिहार में बीते 7 जनवरी से जातिगत गणना चल रही है. जातिगत और आर्थिक गणना की पूरी प्रक्रिया दो चरणों में पूर्ण होगी. जहां पहला चरण 21 जनवरी तक चलेगा, वहीं दूसरा चरण 01 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा.

पहले चरण में लोगों के मकानों को सूचीबद्ध किया जा रहा है, जबकि दूसरे चरण में जाति आधारितऔर आर्थिक गणना होगी. लंबे अरसे से बिहार समेत देश के कई राज्यों में जातीय जनगणना की मांग हो रही थी. 2011 में जब जनगणना हुई थी, तब भी जातीय आधार पर रिपोर्ट तैयार हुई थी. हालांकि, तब इसे जारी नहीं किया गया था. बिहार से पहले राजस्थान और कर्नाटक में भी जातीय गणना हो चुकी है.

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एक भवन में हो सकते हैं एक से अधिक मकान

पटना के वार्ड-70 में जाति आधारित गणना हेतु प्रगणक के रूप में प्रतिनियुक्त सहायक शिक्षक इफ्तेखार शाहीन ने बताया कि एक भवन में अगर एक से अधिक निकास हैं, तो उसमें मकान की संख्या एक से अधिक नोट की जाएगी. इसके अलावा अगर मकान में एक से अधिक चूल्हे हैं तो परिवारों की संख्या भी एक से अधिक मानी जाएगी. उन्होंने ये भी बताया कि एक भवन में एक से अधिक मकान हो सकते हैं. फिलहाल मकानों को सूचीबद्ध करने का कार्य किया जा रहा है.

गैर आवासीय और आवासीय के लिए अलग-अलग चिन्ह

पर्यवेक्षक गोपाल प्रसाद ने बताया कि मंदिर, रोड, रेल इत्यादि के लिए अलग-अलग चिन्ह का उपयोग प्रपत्र में उक्त जगह दर्शाने हेतु प्रगणक द्वारा किया जाता है. वहीं प्रगणक रेणु कुमारी ने बताया कि गैर आवासीय और आवासीय मकानों के चिन्ह प्रपत्र में अलग अलग बनाए जाते हैं. जहां आवासीय मकानों में 6/6 के वर्ग में संख्या भरा जाता है, वहीं गैर आवासीय मकानों के लिए प्रपत्र में वर्ग बनाकर उसे भर दिया जाता है.इसके अलावा कच्चे मकानों के लिए त्रिभुज की आकृति बनाई जाती है और गैर आवासीय कच्चे मकानों को दर्शाने हेतु त्रिभुज को भर दिया जाता है.

पहले चरण में हो रही मकानों की गिनती

पहले चरण में लोगों के घरों की गिनती शुरू की गई है. इसकी शुरुआत 07 जनवरी से ही हो गई थी, जो 21 जनवरी तक चलेगी. अभी तक राज्य सरकार की तरफ से मकानों को कोई नंबर नहीं दिया गया था. वोटर आईकार्ड में अलग, नगर निगम के होल्डिंग में अलग नंबर है. पंचायत स्तर पर मकानों की कोई नंबरिंग नहीं है. शहरी क्षेत्र में कुछ मोहल्लों में मकानों की नंबरिंग है भी तो वह हाउसिंग सोसायटी की ओर से दी गई है, न कि सरकार की ओर से. अब सरकारी स्तर पर मकानों को नंबर दिया जा रहा है. इस चरण में सभी मकानों को स्थायी नंबर दिया जाएगा.

दूसरे चरण में होगी आर्थिक और जातीय गणना

दूसरे चरण में जाति और आर्थिक जनगणना किया जाएगा. इसमें लोगों के शिक्षा का स्तर, नौकरी (प्राइवेट, सरकारी, गजटेड, नॉन-गजटेड आदि), गाड़ी (कैटगरी), मोबाइल, किस काम में दक्षता है, आय के अन्य साधन, परिवार में कितने कमाने वाले सदस्य हैं, एक व्यक्ति पर कितने आश्रित हैं, मूल जाति, उप जाति, उप की उपजाति, गांव में जातियों की संख्या, तथा जाति प्रमाण पत्र से जुड़े सवाल प्रगणक द्वारा लोगों से पूछे जाएंगे.

Tags: Bihar News in hindi, Caste Census, PATNA NEWS

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