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यदि सब कुछ सही रहा तो जल्द ही चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं को बैक पेपर देने के बाद अपनी मार्कशीट अपडेट कराने के लिए कैंपस में नहीं भटकना पड़ेगा। विवि छात्रों के रिजल्ट डिजिटलाइज्ड करते हुए कंप्यूटर डाटा सेंटर को लिंक करने पर काम करने जा रहा है। विवि का फोकस ऐसा सिस्टम बनाने पर है, जिसमें छात्रों के मूल रिजल्ट में अपडेट रियल टाइम में स्वत: होते रहें। विवि छात्र सहायता केंद्र, परीक्षा एवं गोपनीय विभाग और कंप्यूटर सेंटर को आपस में लिंक करके छात्रों के मार्कशीट से जुड़े कार्यों को न्यूनतम समय में पूरा करने पर भी काम कर रहा है। हरियाणा और यूपी के कई विवि इस सिस्टम को पहले ही विकसित कर चुके हैं।
अभी यह है समस्या
विवि में छात्र मुख्य परीक्षा या सेमेस्टर परीक्षा के बाद बैक और श्रेणी सुधार के पेपर देते हैं। मुख्य परीक्षा के बाद विवि मार्कशीट प्रिंट करते हुए कॉलेजों को भेज देता है, लेकिन बैक पेपर या डिटेंड होने पर छात्रों की मार्कशीट स्वत: अपडेट नहीं होती। विवि हर पेपर की मार्कशीट तो देता है, लेकिन उसमें पिछले रिजल्ट अपडेट नहीं हो पाते। इसी तरह छात्र सहायता केंद्र पर जो छात्र मार्कशीट सही कराने के लिए पहुंचते हैं उन्हें वास्तविक समस्या तत्काल नहीं पता चलती। विवि बाद में छात्रों के एड्रेस पर लिफाफा भेजते हुए सूचना देता है।
विवि खत्म करना चाहता है ये समस्या
हाल में कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने वर्ष 2024 में विवि की योजना को साझा करते हुए उक्त खाका खींचा था। प्रो. संगीता शुक्ला के अनुसार विवि डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहा है। कर्मचारी भी कंप्यूटर पर काम करने को तैयार हैं। कुलपति के अनुसार असिस्टेंट रजिस्ट्रार परीक्षा और डिप्टी रजिस्ट्रार गोपनीय को पूरी प्रक्रिया को बेहतर करने का प्लान तैयार करने को कहा गया है। इस रिपोर्ट के बाद विवि आगे कार्रवाई करेगा।