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यूपी में त्रिनेत्र यानी सीसीटीवी अपराधियों के लिए काल बन गए हैं। इन कैमरों की मदद से 1355 सनसनीखेज घटनाओं का खुलासा करने में मदद मिली है। इनमें लूट-डकैती की 209, हत्या की 82, अपहरण की 46 तथा बलात्कार व छेड़खानी की 32 घटनाएं शामिल हैं। डीजीपी विजय कुमार ने कहा है कि आपरेशन त्रिनेत्र के तहत प्रदेश में अब तक कुल 7,18,510 सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं। जल्द ही यह संख्या 10 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। वह शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार और एडीजी रेलवे जयनारायण सिंह के साथ पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि 10 जुलाई 2023 से पहले प्रदेश में 93878 सीसीटीवी कैमरे लगे थे। आपरेशन त्रिनेत्र के तहत 10 जुलाई 2023 के बाद अब तक कुल 6,24,632 कैमरे लगवाए गए। आपरेशन त्रिनेत्र के माध्यम से संचालित कैमरों की मॉनीटरिंग को सरल व सुगम बनाने के लिए तकनीकी सेवाएं मुख्यालय ने एक पोर्टल तैयार किया है। इस अभियान की समीक्षा प्रतिदिन एडीजी रेलवे द्वारा की जाती है।
पांच महीने में 16302 को दिलाई सजा
डीजीपी ने बताया कि एक जुलाई 2023 से शुरू किए गए आपरेशन कन्विक्शन के तहत अब तक 12015 प्रकरणों में 16302 व्यक्तियों को सजा दिलाई जा चुकी है। इनमें 16 को मृत्युदंड, 1569 को आजीवन कारावास, 284 को 20 वर्ष से अधिक कारावास, 983 को 10 वर्ष से 19 वर्ष तक की सजा, 1553 को पांच वर्ष से नौ वर्ष तथा 11897 को पांच वर्ष से कम की सजा कराई गई है।
उन्होंने बताया कि गोवध एवं गौ-तस्करी के अभियुक्तों के विरुद्ध चलाए गए 15 दिन के अभियान में 2573 के विरुद्ध गुंडा एक्ट, 1506 के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट और चार के विरुद्ध रासुका के तहत कार्रवाई की गई। इसके साथ ही गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत करीब 10.77 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों का जब्तीकरण किया गया, जबकि 1114 सक्रिय अभियुक्तों की हिस्ट्रीशीट खोली गई। अभियान की वजह से सितंबर के दूसरे पक्ष और नवंबर के पहले पक्ष के अपराधों की तुलना में गोवध में 55 प्रतिशत और गौ तस्करी में 53 प्रतिशत की कमी आई है।