Saturday, December 14, 2024
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Chandrayaan 3 की सफलता के बाद ISRO ने सुनाई खुशखबरी, अगले मून मिशन 4, 5 और 6 पर दिया अपडेट


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Chandrayaan 3 Update: हाल ही में इसरो ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लैंड करवाकर इतिहास रच दिया। पूरी दुनिया में भारत के तीसरे चंद्र मिशन की तारीफ हुई। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया, जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपने यान को लैंड करवाया है। इसके बाद सभी की नजरें इसरो के अन्य मिशन्स पर आ गई हैं। पिछले महीने ही इसरो ने देश का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 भी लॉन्च कर दिया, जोकि अब तक नौ लाख किलोमीटर से ज्यादा का सफर पूरा कर चुका है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में लगातार उपलब्धियां हासिल करने वाले इसरो ने एक नई खुशखबरी दी है। इसरो ने चंद्रयान के अगले मिशन यानी चंद्रयान-4 समेत अन्य के बारे में ताजा जानकारी दी।

न्यूज एजेंसी यूएनआई के अनुसार, इसरो के डिप्टी डायरेक्टर पी सुनील ने कहा कि बढ़े हुए पेलोड के साथ चंद्रयान-4, 5 और 6 को लॉन्च किए जाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए योजना बनाई जा रही है। सुनील ने श्रीजगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय में विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में बोलते हुए यह बात कही। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि स्पेस स्टेशन की लॉन्चिंग का कॉन्सेप्ट भी प्लानिंग में है। उन्होंने कहा, ”वर्तमान समय में कई स्पेस मिशन को लॉन्च किए जाने के बाद हमें अच्छे फंड्स मिल रहे हैं। अब इंटरनेशनल स्पेस बिजनेस शेयर हमारा दो फीसदी, जोकि सात बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।” 

बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएक्सए) ने लुपेक्स को लॉन्च करने के लिए काम कर रहे हैं। इसी मिशन को चंद्रयान-4 के नाम से भी जाना जा रहा है। इसमें दोनों एजेंसियां चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी की और भी अधिक जानकारी इकट्ठा करने वाली हैं। इस मिशन का प्राथमिक उद्देश्य पानी की उपस्थिति और संभावित उपयोगिता के लिए चंद्र ध्रुवीय क्षेत्र की जांच करना है। इसके साल 2026 में कभी भी लॉन्च होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसरो और जापान की एजेंसियों के साथ आने से माना जा रहा है कि अगले मून मिशन में और अधिक सफलता मिल सकती है।

चंद्रयान-3 में क्या मिलीं सफलताएं?

चंद्रयान-3 की बात करें तो 23 अगस्त को चंद्रमा पर लैंड करने के बाद विक्रम लैंडर में से प्रज्ञान रोवर थोड़ी देर बाद बाहर आ गया था। चांद पर अगले 14 दिनों तक प्रज्ञान ने जमकर चहलकदमी की। इस दौरान तक उसने 100 मीटर से ज्यादा की दूरी पूरी करके चांद के बारे में ज्यादा जानकारी मुहैया करवाई। इसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर की पुष्टि की। इसके अलावा, ऑक्सीजन, कैल्शियम, आयरन, टाइटेनियम, वहां के तापमान समेत कई अन्य जानकारी से भी दुनियाभर को अवगत करवाया। चांद पर लैंड करने के बाद से ही विक्रम ने चांद की कई तस्वीरें इसरो कमांड सेंटर को भेजी थीं।



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