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Chandrayaan 3 Update: इसरो के चंद्रयान-3 मिशन ने दुनियाभर को हैरान कर दिया। कई देशों को लग रहा था कि भारत शायद ही चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग करवा सके, लेकिन उन सबको गलत साबित करते हुए भारत ने न सिर्फ सक्सेसफुल लैंडिंग करवाई, बल्कि कई दिनों तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से कई अहम जानकारी इकट्ठा करके दुनियाभर को मुहैया भी करवाई। भारत के इतिहास रचने से पाकिस्तान, चीन जैसे देश जल-भुनकर राख हो गए। चीनी वैज्ञानिक ने तो यहां तक कह दिया कि भारत का चंद्रयान-3 मिशन चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा ही नहीं। चीन की इन सब बौखलाहट के बाद भी भारत ने चीनी अंतरिक्ष मिशनों की तारीफ की है। इसरो के चीफ एस सोमनाथ ने चीनी मीडिया को इंटरव्यू दिया और चंद्रयान समेत स्पेस मिशन पर बात की।
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बड़ा बयान देते हुए कहा, ”हमने अंतरिक्ष क्षेत्र में चीन की वृद्धि देखी है। यह वाकई जबरदस्त है। मुझे लगता है कि आप प्रौद्योगिकी क्षमता के संदर्भ में, नई प्रणालियों के निर्माण और आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत अधिक जोर दे रहे हैं, और नए मिशन शुरू कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह आपको बहुत दूरदर्शी दिशा दिखाएगा। आप जो काम कर रहे हैं, उसकी मैं बहुत सराहना करता हूं। यह अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए आपके द्वारा बनाए गए दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ भी मेल खाता है। साथ ही, मैं देख रहा हूं कि अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए कई इंडस्ट्रीज भी आगे आ रही हैं।
चीनी मीडिया समूह CGTN से बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि भारत में अतीत में ऐसा नहीं था। हमारी इंडस्ट्रीज कमोबेश विनिर्माण में लगी हैं, मूल डिजाइन या स्पेस के लिए मार्केट बनाने में नहीं। इसलिए, यदि भारत और चीन में अंतरिक्ष क्षेत्र को बढ़ना है, तो इसे बाजारों पर निर्भर रहना होगा और हमें यह देखना होगा कि इसका उपयोग क्षेत्र में और क्षेत्र से परे कैसे किया जा सकता है। और यह चीन पर भी समान रूप से लागू होता है।
चंद्रयान-3 की सफलता पर क्या बोले इसरो चीफ
वहीं, भारत के चंद्रयान-3 मिशन पर बात करते हुए इसरो चीफ ने कहा कि हमारे पास भारत में एक विशाल समुदाय है जो अन्वेषण के विज्ञान को देख रहा है और अंतरिक्ष विज्ञान और हर बड़े विवरण को देख रहा है। आप देख सकते हैं कि पूरा देश इस उपलब्धि (चंद्रयान-3) पर बहुत खुश है। यह इसलिए है, क्योंकि पहले प्रयास में सफल नहीं हो सके थे और इस बार हमने इसे कर दिया। हमने इसे बहुत ही सीमित लागत पर किया है। यह पूरी तरह से भारत में किया गया, जोकि काफी हद तक गर्व करने की बात है। उन्होंने आगे बताया कि इसने वास्तव में बहुत से लोगों को अंतरिक्ष में आने, अंतरिक्ष उद्योगों में काम करने, विज्ञान क्षेत्र में काम करने आदि के लिए उत्साहित किया है।