[ad_1]
Covid JN.1 Variant: दुनियाभर के डॉक्टर और वैज्ञानिकों के लिए चार साल बाद भी कोरोना वायरस चिंता का कारण बना हुआ है। पिछले कुछ समय से नियंत्रित लगने वाली संक्रमण की रफ्तार कोरोना के सब-वैरिएंट JN.1 के कारण अचानक एक बार फिर बढ़ती हुई नजर आ रही है। चिंताजनक बात यह है कि JN.1सब-वैरिएंट भारत में भी दस्तक दे चुका है। दक्षिण भारत में भी इस वायरस के कुछ मामलों की पुष्टि हुई है। बता दें, केरल के बाद अब गोवा और महाराष्ट्र में भी नए वैरिएंट के 19 मामलों को पता लगा है। यह वैरिएंट ओमिक्रॉन फैमिली से है, जिस वजह से इसका तेजी से फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है।
बता दें, सर्दी में यह वायरस तेजी से फैलता है और प्रदूषण के साथ संक्रमण हो जाए तो यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस सब-वैरिएंट को लेकर लोगों से सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं। इस संकम्रण से अपने साथ परिवार को भी बचाए रखने के लिए आइए जानते हैं आखिर क्या है कोरोना का नया सब वैरिएंट JN.1 और क्या हैं इसके लक्षण और बचाव के उपाय।
क्या है कोरोना का नया सब वैरिएंट JN.1 ?
कोरोना के इस नए सब वैरिएंट JN.1 का सबसे पहला केस अगस्त में लक्जमबर्ग में पाया गया था। जिसके बाद यह धीरे-धीरे 36 से 40 देशों में फैल गया। कहा जा रहा है कि यह सब वैरिएंट पिरोला वैरिएंट (बीए 2.86) से जुड़ा हुआ है,जिसे ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट का ऑफशूट कहा जाता है।
क्या है WHO का कहना?-
कोरोना का यह नया वैरिएंट JN.1 इस समय अमेरिका, चीन और सिंगापुर में जमकर कहर बरपा रहा है, बड़ी संख्या में लोग इस संक्रमण से बीमार पड़ रहे हैं। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इस नए वेरिएंट से लोगों में कोरोना तेजी से तो फैल रहा है लेकिन,मौत की संख्या काफी कम है। यही वजह है कि WHO ने इस नए वैरिएंट को क्लासिफाइड करते हुए ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ की कैटेगरी में डाल दिया है।
नए वैरिएंट JN.1 के लक्षण-
कोरोना के इस नए-वैरिएंट के लक्षणों में बुखार,गले में खराश, नाक बहना और कुछ मामलों में, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं शामिल हो सकती हैं।
नया वैरिएंट JN.1 कितना खतरनाक?
नए वैरिएंट का असर लोगों की इम्यूनिटी के अनुसार अलग-अलग तरीके से होता है। हालांकि जो लोग पहले से किसी संक्रमण या गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसे लोगों के लिए कोविड का नया वैरिएंट ज्यादा खतरनाक हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 के नए सब-वैरिएंट जेएन.1 ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में क्लासिफाइड किया है लेकिन कहा है कि इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को ज्यादा खतरा नहीं है। जबकि न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार,डबल्यूएचओ ने कहा कि मौजूदा टीके जेएन.1 और कोविड-19 वायरस के अन्य सर्कुलेटिंग वैरिएंट्स से होनी वाली गंभीर बीमारी और मृत्यु से रक्षा करते हैं।
कोविड के नए स्ट्रेन JN.1 से बचाव के उपाय-
-चूंकि यह वायरस आसानी से फैलता है, इसलिए कोविड-19 महामारी के दौरान फॉलो किए जाने वाले सभी सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना शुरू करें।
-बिना मास्क लगाए घर से बाहर न निकलें। ताकि वायरस हवा के जरिए आपको संक्रमित न कर सके।
-बर्तन और दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे टूथब्रश, कंघी आदि दूसरे लोगों के साथ शेयर करने से बचें। -हाइजीन का खास ख्याल रखें। हाथों को बार-बार धोएं,किसी भी चीज को छूने के बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
– लोगों से बात करते समय 10 मीटर की दूरी बनाए रखें।
-भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। शादी- पार्टियों में शामिल होने से बचें और लोगों से हाथ न मिलाएं।
-कोविड के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से अपनी जांच करवाएं।
[ad_2]
Source link